बक्सर में खून की होली: बिहार के बक्सर जिले के राजपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत अहियापुर गांव शनिवार की सुबह गोलियों की आवाज़ से दहल उठा। गांव में चल रहे गिट्टी और बालू के अवैध कारोबार को लेकर उपजे विवाद ने खूनी रूप ले लिया। हथियारों से लैस अपराधियों ने एक ही परिवार के तीन लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं, जिससे Vinod Singh, Sunil Singh और Veerendra Singh की मौके पर ही मौत हो गई।
इस हमले में दो अन्य लोग भी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी रेफर कर दिया गया है।
पुराना विवाद बना जानलेवा, सुबह-सुबह चली गोलियां
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार को अहियापुर गांव के रहने वाले विनोद यादव और सुनील यादव का गांव के ही कुछ लोगों से गिट्टी और बालू के व्यापार को लेकर विवाद हुआ था। यह झगड़ा रातभर सुलगता रहा और शनिवार की सुबह नहर के पास उस समय विस्फोटक रूप ले लिया जब हथियारबंद हमलावरों ने हमला बोल दिया।
हमलावरों ने बिना कुछ कहे अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही जान चली गई। यह घटना पूरे गांव में सनसनी फैला गई है।
घायलों को वाराणसी रेफर, मौके पर पहुंची पुलिस
घटना की खबर मिलते ही राजपुर थाना पुलिस और जिले के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे। शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घायलों की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।
फॉरेंसिक टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए हैं और पुलिस की कई टीमें अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही हैं।
पहले भी की गई थी शिकायतें, पर कार्रवाई नहीं
एक वायरल सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, घटना से पहले Santosh Singh, Manoj Singh (Ahiyapur), Salim और Anjan Ansari (Rasen) के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायतें दर्ज कराई थीं, लेकिन पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
अब इस हिंसक घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि समय रहते कार्रवाई होती तो तीन लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई की तैयारी
राजपुर थाना प्रभारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में साफ हुआ है कि यह पूरा मामला गिट्टी और बालू के व्यापार को लेकर पुराने विवाद से जुड़ा है।
पुलिस ने हत्या और अवैध हथियारों के इस्तेमाल के तहत मामला दर्ज किया है और कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। क्षेत्र में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है और गांव में माहौल शांत करने की कोशिश की जा रही है।
यह मामला एक बार फिर दिखाता है कि बिहार में गिट्टी-बालू जैसे अवैध धंधे किस कदर हिंसा की आग को भड़का सकते हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस बार कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है।