Bihar News: रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ावा देने के लिए RERA Bihar ने एक बड़ा निर्णय लिया है। अब राज्य के सभी रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट्स को एक QR कोड प्रदान किया जाएगा, जिससे कोई भी व्यक्ति उनके रजिस्ट्रेशन स्टेटस और अन्य महत्वपूर्ण विवरण को मोबाइल से स्कैन कर तुरंत जांच सकता है।
यह व्यवस्था सोमवार, 9 जून 2025 से लागू कर दी गई है। पहले QR कोड की सुविधा केवल पंजीकृत प्रोजेक्ट्स के लिए थी, लेकिन अब इसे सभी पंजीकृत एजेंट्स तक बढ़ा दिया गया है। एजेंट्स को अपने रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के साथ यह QR कोड अपने कार्यालय में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना होगा। साथ ही, किसी भी तरह की मार्केटिंग या प्रचार सामग्री में इस QR कोड और रजिस्ट्रेशन नंबर का उपयोग करना अब अनिवार्य होगा।
RERA चेयरमैन विवेक कुमार सिंह का बयान
इस पहल के शुभारंभ पर RERA Bihar के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने कहा:
“हमारा उद्देश्य रियल एस्टेट सेक्टर में अधिक पारदर्शिता लाना है ताकि ग्राहक सही और प्रमाणिक जानकारी प्राप्त कर सकें। कोई भी एजेंट अब केवल रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स में ही बिक्री गतिविधियों में हिस्सा ले सकता है। नियमों के उल्लंघन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
अवैध प्लॉटिंग पर कसा शिकंजा
हाल ही में RERA Bihar और सारण जिला प्रशासन द्वारा किए गए एक संयुक्त सर्वे में कुछ एजेंट्स द्वारा गैरकानूनी प्लॉटिंग और खुद की डेवलपमेंट स्कीम चलाने का मामला सामने आया। यह RERA अधिनियम का उल्लंघन है और इसे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के रूप में देखा जा रहा है।
ऐसे मामलों में आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे, जिससे रियल एस्टेट मार्केट को ठगों से सुरक्षित बनाया जा सके।
कैसे करें असली एजेंट और प्रोजेक्ट की पहचान?
- प्रोजेक्ट पंजीकरण की संख्या BRERAP से शुरू होती है।
- एजेंट पंजीकरण की संख्या BRERAA से शुरू होती है।
- केवल रजिस्टर्ड प्रमोटर ही प्रोजेक्ट बेच सकते हैं।
- एजेंट्स की भूमिका सिर्फ रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स की बिक्री तक सीमित है।
RERA ने आम लोगों से अपील की है कि वे फ्लैट, दुकान या प्लॉट खरीदने से पहले प्रोजेक्ट और एजेंट की वैधता की जांच ज़रूर करें।