बिहार के लोगों को रेलवे की ओर से एक ऐतिहासिक सौगात मिली है। अररिया से गलगलिया तक 110 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन का सफल ट्रायल किया गया है। यह रूट उत्तर-पूर्वी बिहार को उत्तर बंगाल और फिर नॉर्थ ईस्ट इंडिया से जोड़ेगा, जिससे न केवल यातायात बल्कि व्यापार और क्षेत्रीय विकास को भी भारी बढ़ावा मिलेगा।
अरुण कुमार चौधरी ने किया ट्रैक का निरीक्षण
सोमवार को इस रूट पर हाई स्पीड में ट्रायल रन किया गया, जिसकी अगुवाई नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के जीएम (कंस्ट्रक्शन) अरुण कुमार चौधरी ने की। उन्होंने ट्रैक, स्टेशन, सुरक्षा व्यवस्था और अन्य तकनीकी पहलुओं का बारीकी से निरीक्षण किया। ट्रायल के दौरान स्थानीय लोग बड़ी संख्या में जुटे और गलगलिया स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
प्रदीप कुमार सिंह बोले – चुनाव से पहले दौड़ेंगी पैसेंजर ट्रेनें
इस मौके पर अररिया के बीजेपी सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव से पहले इस रूट पर पैसेंजर ट्रेनों की शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने इसे अररिया, कटिहार, पूर्णिया और आसपास के इलाके के लोगों के लिए एक विशेष उपहार बताया।
2006 में रखी गई थी आधारशिला, अब जाकर मिली रफ्तार
इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट में कुल 15 स्टेशन और 1 हॉल्ट बनाए गए हैं। प्रमुख स्टेशन हैं – गलगलिया, ठाकुरगंज, कुरसाकाटा, बिबीगंज, तेडहागाछ, पऊखाली और अररिया कोर्ट। इस रेल परियोजना को 2004-05 में मंजूरी मिली थी और 2006 में पूर्व सांसद मोहम्मद तस्लीमुद्दीन और उस समय के रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने इसकी नींव रखी थी। लेकिन निर्माण कार्य असल में 2019 से शुरू हो पाया।
2132 करोड़ रुपये की लागत, 1632 एकड़ भूमि अधिग्रहित
इस प्रोजेक्ट की कुल लागत करीब 2132 करोड़ रुपये है और इसमें 1632 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया है। रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह नई रेल लाइन न केवल लोगों के सफर को आसान बनाएगी बल्कि स्थानीय व्यापार और सामाजिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। आने वाले दिनों में यह रूट पूरे क्षेत्र को नई आर्थिक दिशा देगा।