पटना: बिहार सरकार के उद्योग विभाग के अधीन हस्तकरघा एवं रेशम निदेशालय द्वारा एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। उद्योग मंत्री सह अध्यक्ष Nitish Mishra की अध्यक्षता में आयोजित आमसभा में राज्य के पारंपरिक दर्जी, रंगरेज और धुनिया समुदायों के आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक सशक्तिकरण हेतु गठित Artisan Development Committees को Societies Registration Act 1860 के तहत वैधानिक रूप से निबंधित करने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृति दी गई।
किसने लिया हिस्सा?
इस महत्वपूर्ण आमसभा में कई उच्च अधिकारी और प्रतिनिधि उपस्थित रहे:
- निखिल धनराज निप्पणीकर – निदेशक, उद्योग विभाग एवं निदेशक, हस्तकरघा एवं रेशम
- Himanshu Sharma – मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, Jeevika Bihar
- वित्त एवं समाज कल्याण विभाग के प्रतिनिधि
- निबंधक, सहयोग समितियाँ, बिहार
- रंगरेज, धुनिया और दर्जी समुदायों के 15 गैर सरकारी प्रतिनिधि
उद्देश्य क्या है इस पहल का?
इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बिहार के पारंपरिक कारीगर समुदायों को संगठित कर उन्हें:
- आर्थिक रूप से सशक्त बनाना
- तकनीकी सहायता प्रदान करना
- सामाजिक समावेशिता के माध्यम से मुख्यधारा से जोड़ना
इस प्रक्रिया के तहत तीनों Artisan Committees को विधिवत रूप से पंजीकृत कर दिया गया और इससे संबंधित कई बड़े निर्णय लिए गए जिससे ये समुदाय अब राज्य की योजनाओं के क्रियान्वयन में भागीदारी कर सकेंगे।
क्या बोले Nitish Mishra?
उद्योग मंत्री Nitish Mishra ने कहा:
“यह केवल संस्थागत निबंधन नहीं, बल्कि यह सामाजिक न्याय, आर्थिक समावेशिता और कौशल विकास की दिशा में सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देगी, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी गति प्रदान करेगी।”
Jeevika Bihar की भूमिका
Himanshu Sharma, मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, Jeevika Bihar ने कहा:
“हम महिलाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं। अब जब ये समितियाँ सोसाइटी एक्ट 1860 के अंतर्गत पंजीकृत हो गई हैं, तो हम उद्योग विभाग को हर प्रकार का तकनीकी और संसाधनगत सहयोग देने को तत्पर हैं।”
निष्कर्ष
यह पहल बिहार के पारंपरिक वस्त्र उद्योग को न केवल संरचनात्मक मजबूती देगी, बल्कि दर्जी, रंगरेज और धुनिया जैसे उपेक्षित समुदायों को सम्मान और अवसर प्रदान करेगी। यह एक ऐसा कदम है जो सामाजिक समावेशिता, महिला सशक्तिकरण और आर्थिक विकास – तीनों को एक साथ आगे बढ़ाता है।