बिहार में एक बार फिर Coronavirus ने दस्तक दे दी है। राजधानी Patna में पिछले दो दिनों में कोरोना के 12 नए मरीज मिले हैं, जिससे संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 22 हो गई है। इनमें 20 मरीज होम आइसोलेशन में हैं, जबकि 2 पहले ही ठीक हो चुके हैं। फिलहाल जिले में 17 सक्रिय मरीज बताए जा रहे हैं। हालांकि, NMCH (Nalanda Medical College & Hospital) में मिले तीन नए संक्रमितों को अब तक सरकारी आंकड़ों में नहीं जोड़ा गया है।
अस्पतालों में फैला संक्रमण, मेडिकल स्टाफ भी चपेट में
शुक्रवार, 30 मई को NMCH के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हुई जांच में तीन नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई। इनमें एक इंटर्न डॉक्टर, NTPC का 26 वर्षीय युवक और कदमकुआं के 45 वर्षीय निवासी शामिल हैं। इसके अलावा, AIIMS Patna में पहले ही दो डॉक्टर और दो नर्स कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। मेडिकल स्टाफ में संक्रमण फैलना चिंताजनक है क्योंकि इससे अस्पतालों से बाहर संक्रमण फैलने की संभावना भी बढ़ जाती है।
निजी लैब्स में भी मरीजों की पुष्टि
Gola Road की 38 वर्षीय महिला और Hanuman Nagar की 55 वर्षीय महिला की रिपोर्ट निजी लैब में कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। दोनों को सर्दी, खांसी और बुखार जैसे लक्षण थे, जिनके बाद इनका टेस्ट कराया गया।
सीमित जांच और नई योजना पर काम
फिलहाल केवल NMCH में ओपीडी और प्रस्तावित सर्जरी वाले मरीजों की ही कोरोना जांच हो रही है। IGIMS और PMCH जैसे बड़े अस्पतालों में जांच अब तक शुरू नहीं हुई है। सिविल सर्जन के मुताबिक 2 जून, सोमवार से जिले में जांच की संख्या बढ़ाई जाएगी। इसके तहत सभी PHC (Primary Health Centres), New Gardiner Road Hospital और NNJP हड्डी अस्पताल में जांच शुरू करने की योजना है। किट की सप्लाई होते ही यह प्रक्रिया तेज की जाएगी।
निष्कर्ष:
पटना में कोरोना संक्रमण की वापसी चिंता का विषय है, खासकर जब हेल्थ वर्कर्स भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह जांच और सतर्कता दोनों पर विशेष ध्यान दे, ताकि हालात बेकाबू न हों।