पटना: बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने शुक्रवार सुबह एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य खाद्य निगम में पदस्थापित लेखपाल राजेश कुमार के छह ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की। यह कार्रवाई आय से 201.94 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में की गई है, जो कि राजेश कुमार के ज्ञात वैध स्रोतों से कहीं अधिक है।
मोतिहारी से लेकर हाजीपुर तक दबिश
राजेश कुमार वर्तमान में मोतिहारी में तैनात हैं और EOU की टीम ने पटना, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में फैले उनके कुल छह ठिकानों को टारगेट किया। इन जगहों में उनका आवास, पैतृक घर, कुछ रिश्तेदारों के मकान और अन्य संदिग्ध संपत्तियां शामिल हैं। सभी ठिकानों पर कोर्ट से सर्च वारंट लेकर दबिश दी गई।
बड़ी मात्रा में कागजात और डिवाइस बरामद
छापेमारी के दौरान टीम ने बड़ी मात्रा में दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और बैंकिंग लेन-देन से जुड़े कागजात बरामद किए हैं। शुरुआती जांच में सामने आया है कि राजेश कुमार ने कई फर्जी बैंक खातों, नकद लेन-देन और अचल संपत्ति में निवेश के जरिये काले धन को सफेद करने की कोशिश की।
रिश्तेदारों के नाम पर भी संपत्तियां
जांच एजेंसी को यह भी संकेत मिले हैं कि राजेश कुमार ने कई संपत्तियां अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर भी बना रखी हैं। इन संपत्तियों की भी गहन जांच की जा रही है। EOU अब इस पूरे नेटवर्क को ट्रैक कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि भ्रष्टाचार की यह चेन कितनी लंबी है।
फिलहाल पूछताछ जारी, आगे हो सकती है गिरफ्तारी
सूत्रों के अनुसार, छापेमारी के बाद राजेश कुमार से पूछताछ की जा रही है। यदि दस्तावेजी साक्ष्य पुख्ता पाए जाते हैं तो आगे गिरफ्तारी की कार्रवाई भी हो सकती है। बिहार में बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच यह कार्रवाई एक बड़ी मिसाल मानी जा रही है।