बिहार को मिली हवाई उड़ान की रफ्तार: मधुबनी से मुजफ्फरपुर तक बनेंगे 6 नए एयरपोर्ट

कैबिनेट का बड़ा फैसला, बिहार में कनेक्टिविटी और कारोबार को मिलेगी नई उड़ान

Bihar New Airports Approved 2025
(Source: Google/Social Media Sites)

पटना: बिहारवासियों के लिए आज एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में बिहार के 6 शहरों – Madhubani, Veerpur, Munger, Valmikinagar, Muzaffarpur और Saharsa में छोटे हवाई अड्डों के निर्माण के लिए एमओयू को मंजूरी दी गई है। यह एमओयू Airports Authority of India (AAI) और बिहार सरकार के बीच हुआ है, जिससे अब इन इलाकों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है।

कौन-कौन से शहर होंगे शामिल?

राज्य सरकार ने पहले चरण में प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए 25 करोड़ रुपये आवंटित करने का निर्णय लिया है, यानी कुल मिलाकर 150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

  • Madhubani
  • Veerpur
  • Munger
  • Valmikinagar
  • Muzaffarpur
  • Saharsa

बिहार के एयरपोर्ट नेटवर्क का हो रहा विस्तार

हाल के वर्षों में राज्य की एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
Budget 2025-26 में पहले ही Rajgir, Bhagalpur, Siwan और Raxaul में एयरपोर्ट विकास की योजना को मंजूरी मिल चुकी है।

  • Rajgir में बनेगा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट
  • Raxaul में होगा ब्राउनफील्ड एयरपोर्ट
  • Bihta में नया सिविल एन्क्लेव बनेगा

यह सभी योजनाएं मिलकर बिहार को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने में मदद करेंगी।

एमओयू के तहत क्या होगा?

एमओयू साइन होने के बाद अब सबसे पहले जमीन चिन्हित की जाएगी और फिर निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी।
सरकार का लक्ष्य है कि अगले 2 वर्षों में इनमें से कम से कम दो एयरपोर्ट्स का निर्माण कार्य शुरू हो जाए।

फंडिंग: केंद्र और राज्य दोनों सरकारें मिलकर करेंगी।

आम लोगों को क्या होगा फायदा?

इन छह शहरों में एयरपोर्ट बनने से कई फायदे होंगे:

  • ट्रैवल में समय और लागत की बचत
  • छोटे शहरों से बड़े महानगरों तक सीधी कनेक्टिविटी
  • शिक्षा, टूरिज्म और व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
  • स्थानीय रोजगार के नए अवसर

पहले से शुरू एयरपोर्ट्स की सफलता बनी मिसाल

2023 में शुरू हुआ Darbhanga Airport अब एक सफलता की कहानी बन चुका है। लोगों ने हवाई सेवा को हाथों-हाथ लिया है। इसी मॉडल पर बिहार के अन्य शहरों में भी काम किया जाएगा, जिससे एयर कनेक्टिविटी के साथ-साथ आर्थिक विकास भी तेज़ होगा।

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