पटना: बिहार में सरकारी नौकरियों में डोमिसाइल (स्थानीय निवास) नीति लागू करने की मांग को लेकर गुरुवार सुबह राजधानी पटना की सड़कों पर हजारों छात्रों का सैलाब उमड़ पड़ा। छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को राज्यव्यापी रूप दिया जाएगा।
छात्रों का कहना – बिहार के युवाओं के साथ हो रहा अन्याय
छात्रों का नेतृत्व कर रहे Dilip Kumar ने कहा कि बिहार के युवा लंबे समय से इस नीति की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें सरकारी भर्तियों में प्राथमिकता मिल सके। छात्रों ने आरोप लगाया कि झारखंड, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में पहले से डोमिसाइल नीति लागू है, लेकिन बिहार में यह अब तक नहीं की गई, जिससे पलायन और बेरोजगारी बढ़ रही है।
संपूर्ण क्रांति दिवस पर तेज हुआ विरोध प्रदर्शन
5 जून को संपूर्ण क्रांति दिवस के मौके पर जब पूरा बिहार जयप्रकाश नारायण की विचारधारा को याद कर रहा था, उसी समय पटना की सड़कों पर युवा डोमिसाइल नीति को लेकर हुंकार भर रहे थे। छात्रों ने पटना के Dak Bungalow Chowk से सीएम आवास की ओर मार्च करने की कोशिश की, जिसे पुलिस ने रोकने का प्रयास किया। इसी दौरान कुछ जगहों पर पुलिस और छात्रों के बीच हल्की झड़प भी देखी गई।
शांतिपूर्ण आंदोलन की चेतावनी, लेकिन तीखा रुख
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने साफ कहा कि उनका आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है, लेकिन यदि सरकार ने उनकी मांगों की अनदेखी की, तो वे पूरे राज्य में सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। छात्रों ने नारे लगाए – “बिहार के युवाओं को उनका हक दो”, “डोमिसाइल नीति लागू करो”।
सरकार की चुप्पी से नाराज छात्र
छात्रों का कहना है कि सरकार इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है, जबकि यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा मामला है। उन्होंने दो टूक कहा कि जब तक डोमिसाइल नीति लागू नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।