Bihar Teacher News: बिहार में शिक्षा व्यवस्था को लेकर लगातार सख्ती बरती जा रही है। शिक्षा विभाग और एसीएस सिद्धार्थ की ओर से आए दिन नए निर्देश जारी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हनुमाननगर प्रखंड में एक नया और हैरान कर देने वाला आदेश जारी किया गया है, जिसने शिक्षकों को उग्र कर दिया है।
बीडीओ सह सचिव, प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की ओर से निर्देश दिया गया है कि विद्यालय में ‘लॉग इन’ करते ही शिक्षक अपना मोबाइल फोन प्रधानाध्यापक को सौंपेंगे और ‘लॉग आउट’ के समय ही वापस मिलेगा। आदेश में साफ कहा गया है कि निरीक्षण के दौरान यदि किसी शिक्षक के पास मोबाइल पाया गया, तो उसके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षक संगठनों ने जताई नाराजगी, मानवाधिकार उल्लंघन करार
इस फैसले के विरोध में शिक्षक संघों ने नाराजगी जाहिर की है। प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रधान सचिव Narayan Mandal ने कहा कि “यदि शिक्षकों के व्यवहार को लेकर कोई समस्या थी, तो उसे BEO (Block Education Officer) देख सकते थे। बीडीओ को इस तरह की सख्ती नहीं करनी चाहिए थी।”
उन्होंने सवाल उठाया कि मोबाइल रखने पर रोक लगाकर आखिर किस प्रकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारा जा सकता है?
जिला परिषद सदस्य Sunita Yadav ने उठाए सवाल
22 मई को आयोजित प्रखंड कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया था। बताया गया कि कई शिक्षक कक्षा संचालन के दौरान मोबाइल का उपयोग कर रहे थे। इसी पर कार्रवाई करते हुए यह आदेश जारी हुआ। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिला परिषद सदस्य Sunita Yadav ने कहा,
“अगर अधिकारी इतने ही तत्पर होते तो जिले की स्थिति में सुधार आ जाता। शिक्षकों को निशाना बनाना सबसे आसान होता है।”
शिक्षकों ने दी आंदोलन की चेतावनी
इस आदेश के बाद हनुमाननगर समेत अन्य क्षेत्रों में शिक्षकों में भारी असंतोष फैल गया है। कई शिक्षकों ने इसे निजता के अधिकार और मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है। शिक्षक संगठनों ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि यदि यह आदेश वापस नहीं लिया गया, तो वे आंदोलन करेंगे।
निष्कर्ष:
बिहार में शिक्षा विभाग द्वारा लगातार किए जा रहे कड़े फैसले अब शिक्षकों की सहनशीलता की सीमा लांघ रहे हैं। हनुमाननगर प्रखंड का यह मोबाइल जमा करने वाला आदेश, शिक्षकों और प्रशासन के बीच टकराव का कारण बन गया है। देखना होगा कि आने वाले दिनों में यह विवाद कौन सी दिशा लेता है।