पटना: बिहार सरकार ने राज्य के प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण (transfer) को लेकर सख्त नियम लागू किए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि जो शिक्षक अपने नये विद्यालय में योगदान नहीं करेंगे, वे अगले एक साल तक तबादले के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगे।
30 जून तक देना होगा योगदान या घोषणा पत्र
निदेशक प्राथमिक शिक्षा साहिला द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, 26665 शिक्षकों के स्थानांतरण आदेश गुरुवार को जारी किए गए थे। इन्हें 30 जून 2025 तक नये विद्यालय में योगदान देना अनिवार्य है। यदि कोई शिक्षक योगदान नहीं करता या ‘अस्वीकार करने’ संबंधी घोषणा पत्र ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड नहीं करता, तो उसका स्थानांतरण स्वतः रद्द माना जाएगा।
घोषणा पत्र अपलोड करना जरूरी
जो शिक्षक स्थानांतरण नहीं लेना चाहते हैं, उन्हें ई-शिक्षाकोष पोर्टल से एक ‘घोषणा पत्र’ डाउनलोड कर उस पर हस्ताक्षर करना होगा। इसके बाद उसे पुनः पोर्टल पर अपलोड करना जरूरी है। ऐसे शिक्षक तब तक अपने पुराने विद्यालय में ही कार्यरत रहेंगे, जब तक विभाग की ओर से नया आदेश न आए।
45 हजार में से 34 हजार का हुआ तबादला
शिक्षा विभाग को प्राथमिक कक्षा (1 से 5) के शिक्षकों से कुल 45,885 तबादला आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 34,441 शिक्षकों का स्थानांतरण स्वीकृत हुआ, शेष आवेदनों को छात्र-शिक्षक अनुपात के कारण अस्वीकार कर दिया गया।
क्यों किया गया तबादला?
तबादले के पीछे सबसे बड़ा कारण शिक्षकों द्वारा आवेदित विद्यालय और वर्तमान विद्यालय के बीच की दूरी बताया गया। अधिकांश शिक्षक अपने घर के पास के स्कूलों में पोस्टिंग चाहते हैं।
विभाग ने जारी किए स्पष्ट दिशा-निर्देश
- सभी शिक्षकों को ई-शिक्षाकोष पोर्टल से स्थानांतरण आदेश और योगदान प्रपत्र डाउनलोड करने होंगे।
- योगदान प्रपत्र पर प्रधानाध्यापक से हस्ताक्षर कराकर पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- आदेश का उल्लंघन करने वाले शिक्षकों पर अगले एक साल तक तबादला रोक लगा दी जाएगी।