छपरा: सारण जिले में रविवार को करंट से जुड़ी दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में एक 12 वर्षीय बच्ची, उसकी मां और 16 वर्षीय किशोरी शामिल हैं। दोनों घटनाओं ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डाल दिया है।
पहली घटना: बेटी को बचाने दौड़ी मां, करंट की चपेट में आकर दोनों की मौत
यह घटना छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के तेनुआ गांव की है। यहां 12 वर्षीय माला कुमारी कमरे में पंखे का प्लग लगा रही थी। तभी उसे जोरदार करंट का झटका लगा। बेटी की चीख सुनकर मां रेणु देवी (45) उसे बचाने दौड़ीं। लेकिन जैसे ही उन्होंने माला को छुने की कोशिश की, वे भी करंट की चपेट में आ गईं।
घटना इतनी तीव्र थी कि दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। परिजनों ने उन्हें तत्काल सदर अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृतक रेणु देवी के पति का नाम शनि कुमार राम है। घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई और परिजन रो-रोकर बेहाल हैं।
दूसरी घटना: जर्जर तार से झुलसी किशोरी की मौत
दूसरी घटना तरैया प्रखंड के चैनपुर खराटी गांव में घटी। यहां वीरनारायण राम की 16 वर्षीय बेटी शिल्पी कुमारी की मौत उस समय हो गई जब वह टूटे हुए विद्युत तार की चपेट में आ गई।
जानकारी के मुताबिक, शिल्पी के घर में बीपीएल योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिया गया था, लेकिन पुराने तारों की मरम्मत नहीं की गई थी। रविवार सुबह अचानक तार टूटकर जमीन पर गिर गया और शिल्पी उसमें उलझ गई।
शिल्पी को गंभीर हालत में तरैया रेफरल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया।
पूरे गांव में शोक, प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान
घटना की जानकारी मिलते ही तरैया थाना पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और बाद में परिजनों को सौंप दिया गया।
घटना के बाद गांव में सरपंच प्रतिनिधि शत्रुध्न महतो, समाजसेवी देवनाथ राम और सुरेश राम पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सांत्वना दी।
इन दोनों घटनाओं ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या सरकार और विद्युत विभाग ग्रामीण इलाकों में बिजली की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं?