पटना: मोबाइल पर एक अनजान नंबर से व्हाट्सएप कॉल आया। कॉल करने वाला खुद को मुंबई के कोलाबा पुलिस स्टेशन का अधिकारी बता रहा था। उसने युवक से कहा, “तुम एक मोबाइल नंबर से लड़कियों को अश्लील मैसेज भेज रहे हो। तुम्हारे खिलाफ 20 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। अब तुम्हें डिजिटल तरीके से गिरफ्तार किया जा रहा है।”
युवक इस बात से घबरा गया। कॉल पर दिख रहा था कि सामने वाला पुलिस स्टेशन से बोल रहा है और उसने फर्जी FIR और गिरफ्तारी का ऑनलाइन नोटिस भी भेज दिया। डर के मारे युवक ने ₹85,000 ठगों के बताए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए।
अनजान व्हाट्सएप कॉल से शुरू हुई ठगी
यह पूरा मामला साइबर ठगी का है, जिसमें लोगों को डराकर पैसे ऐंठे जा रहे हैं। ठगों ने पहले व्हाट्सएप पर कॉल किया, फिर खुद को पुलिस अधिकारी बताते हुए पीड़ित पर झूठा आरोप मढ़ा।
‘डिजिटल गिरफ्तारी’ के नाम पर डराया
ठगों ने कहा कि अगर अभी कार्रवाई नहीं की गई, तो उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। युवक को डिजिटल तौर पर ‘तीन घंटे की गिरफ्तारी’ में बताया गया। यही नहीं, कॉल पर कथित ‘महिला अफसर’ भी आई जो केस को गंभीर बताकर तुरंत पैसे जमा कराने का दबाव बनाने लगी।
साइबर सेल ने दी चेतावनी
बिहार साइबर सेल ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और आम लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस कभी व्हाट्सएप कॉल के जरिए डिजिटल गिरफ्तारी नहीं करती और न ही पैसों की मांग करती है।
फिल्मी स्टाइल में रचा गया था जाल
इस तरह की ठगी की घटनाएं अब फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह रची जाती हैं, जहां ‘कोलाबा पुलिस स्टेशन’, ‘अश्लील मैसेज’, ‘महिला अफसर’ और ‘डिजिटल नोटिस’ जैसी चीजों से लोगों को भ्रमित किया जाता है।