चुनाव से पहले हरकत में आई District Intelligence Committee, अवैध कैश और Freebies पर पैनी नजर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले पटना में जिला खुफिया समिति हुई एक्टिव, 20 से अधिक एजेंसियों को निर्देश – कैश, बैंक ट्रांजैक्शन और शराब माफियाओं पर होगी सख्त निगरानी

District Intelligence Committee Active Before Election Patna
(Image Source: Social Media Sites)

बिहार विधानसभा आम चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) को लेकर पटना प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। पटना के समाहरणालय स्थित सभागार में जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं डीएम डॉ. त्यागराजन एस. एम. (Dr. Tyagarajan S M) की अध्यक्षता में District Intelligence Committee की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में 20 से अधिक प्रवर्तन एजेंसियों ने भाग लिया।

डीएम ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) के दिशानिर्देशों के अनुसार व्यय संवेदनशील क्षेत्रों और पॉकेट्स की पहचान की जाए और अवैध नकद, बैंक ट्रांजैक्शन और फ्रीबिज (Freebies) पर निगरानी बढ़ाई जाए।

अवैध नकद और शराब माफिया पर कड़ी नजर, डिजिटल ट्रांजैक्शन की होगी मॉनिटरिंग

बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक, उप विकास आयुक्त, उत्पाद विभाग, सीमा शुल्क, आयकर विभाग, अग्रणी बैंक प्रबंधक (LDM) और सभी अनुमंडल स्तरीय अधिकारी शामिल हुए।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि चुनाव से छह महीने पहले ही District Intelligence Committee को एक्टिव मोड में लाया गया है। उन्होंने निर्देश दिए कि अवैध नकद, बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन, और छोटे-छोटे डिजिटल ट्रांसफर की गहन मॉनिटरिंग हो।

एलडीएम को निर्देश दिया गया कि बड़ी मात्रा में लेनदेन पर नजर रखें और रिपोर्ट करें। साथ ही, किसी भी बैंक खाते से असामान्य राशि की निकासी या ट्रांजैक्शन की स्थिति में तत्काल जानकारी दी जाए।

शराबबंदी को लेकर ज़ीरो टॉलरेंस, जब्ती बढ़ाने का निर्देश

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के मद्देनज़र डीएम ने अधिकारियों से सख्ती बरतने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं पर कानूनी कार्रवाई हो और जब्ती की संख्या में वृद्धि लाई जाए। चुनाव के दौरान किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता, चुनावी खर्च पर फोकस

जिलाधिकारी ने कहा कि स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भारत निर्वाचन आयोग ने व्यय अनुश्रवण को लेकर विस्तृत एसओपी जारी किया है, जिसके सभी मापदंडों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ निर्वाचन क्षेत्र व्यय की दृष्टि से अत्यधिक संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर पहले से ही निगरानी शुरू कर दी जाए। चुनाव के दौरान धनबल के दुरुपयोग पर नियंत्रण आवश्यक है, क्योंकि यह स्वतंत्र मतदान में बड़ी बाधा है।

मतदाताओं को प्रलोभन मुक्त मतदान के लिए किया जाएगा प्रेरित

अंत में जिलाधिकारी ने सभी स्टेकहोल्डर्स से अपील की कि वे मतदाताओं को प्रलोभन मुक्त और स्वतंत्र रूप से मतदान के लिए प्रेरित करें। चुनाव से पहले अगर किसी क्षेत्र में करेंसी की मांग में 20% से अधिक वृद्धि हो रही है, तो उसकी विशेष निगरानी की जाए।

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