बिहार में फलगू नदी का रौद्र रूप! उदेरास्थान बराज से छोड़े गए पानी ने बढ़ाया खतरा, नालंदा में बाढ़ जैसे हालात

गया और नालंदा में नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा, पुलों के नीचे फंसे लोगों को NDRF ने चलाया रेस्क्यू ऑपरेशन

Flood Situation In Nalanda As Water Released From Uderasthan Barrage
(Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार में मॉनसून ने दस्तक क्या दी, तबाही का मंजर सामने आने लगा है। गया और नालंदा जिले में भारी बारिश के चलते Falgu River उफान पर है। Uderasthan Barrage से गुरुवार को छोड़े गए 73,000 क्यूसेक पानी ने हालात को और भी गंभीर बना दिया है। फलस्वरूप नालंदा जिले के एकंगरसराय, हिलसा और करया परसुराय प्रखंडों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।

आपदा प्रबंधन विभाग ने त्वरित राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, NDRF की दो बटालियन को नालंदा भेजा गया है, जो बचाव में जुटी हैं।

मानसून की बारिश ने बिगाड़ा हाल, तीन प्रखंडों में घुसा बाढ़ का पानी

लगातार बारिश और पानी छोड़े जाने के कारण फल्गू नदी अपने रौद्र रूप में आ गई है। नालंदा के पश्चिमी हिस्सों में नदी का पानी खेतों और बस्तियों में घुस गया है। तटबंध के टूटने से गांव की संपर्क सड़कें बह गई हैं और मुख्य मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। लोग नावों और अस्थायी साधनों से आवागमन कर रहे हैं।

गया जी के मानपुर पुल के नीचे फंसे लोग, SDRF ने बचाई जान

गया जिले में शुक्रवार रात Falgu River के जलस्तर में अचानक हुई वृद्धि के कारण मानपुर पुल के नीचे सो रहे 12 लोग तेज धारा में फंस गए। स्थानीय लोगों की मदद और फोन पर बुलाए गए तैराकों ने जान बचाने का प्रयास किया। कुछ ही देर में SDRF की टीम भी मौके पर पहुंची और सफल रेस्क्यू ऑपरेशन कर सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

नालंदा में राहत और बचाव कार्य तेज, एनडीआरएफ की दो बटालियन तैनात

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें दिन-रात राहत कार्य में जुटी हैं। प्रशासन की ओर से सूखा राशन, पानी, पॉलिथीन शीट्स, और दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। बाढ़ राहत शिविरों में पशुओं के लिए चारा और पशु चिकित्सा शिविरों की भी व्यवस्था की गई है।

गांव की सड़कें टूटीं, खेतों में घुसा नदी का पानी

नदी का पानी खेतों में घुसने से फसलें बर्बाद होने की आशंका है। ग्रामीणों को पीने के पानी से लेकर बिजली तक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कई स्थानों पर बाढ़ का पानी इतना भर गया है कि लोगों के घरों में घुस गया है।

बाढ़ राहत शिविरों में चारा, मेडिकल और कम्युनिटी किचन की व्यवस्था

प्रशासन ने बाढ़ पीड़ितों के लिए सामुदायिक रसोई, मेडिकल कैंप और पशु चिकित्सा की सुविधा शुरू कर दी है। बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।

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