गोपाल खेमका मर्डर केस: दवा दुकान से 100 करोड़ के कारोबारी सफर तक, अब हत्या से सहमा बिहार

बिहार के प्रमुख कारोबारी गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर खड़े किए गंभीर सवाल, 2018 में बेटे की भी हुई थी हत्या

Gopal Khemka Murder Case Patna Businessman Shot Dead
Gopal Khemka Murder Case Patna Businessman Shot Dead (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: बिहार की राजधानी पटना में 4 जुलाई 2025 की रात हुए Gopal Khemka Murder ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। गांधी मैदान थाना क्षेत्र के रामगुलाम चौक के पास उनके अपार्टमेंट “ट्विन टावर” के बाहर गोपाल खेमका को गोली मार दी गई। बाइक सवार बदमाशों ने सिर में गोली मारी जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। ये वही गोपाल खेमका हैं, जिन्होंने अशोक राजपथ की एक दवा दुकान से शुरू करके 100 करोड़ का कारोबार खड़ा किया था।

2018 में बेटे Gunjan Khemka की हत्या, अब पिता की भी गई जान

यह पहली बार नहीं है जब खेमका परिवार पर ऐसी त्रासदी आई हो। साल 2018 में गुंजन खेमका, जो बीजेपी के स्मॉल स्केल इंडस्ट्री सेल के संयोजक थे, उनकी भी हाजीपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अब पिता गोपाल खेमका की हत्या से पूरा परिवार फिर सदमे में है। इस दोहरी वारदात ने पुलिस और कानून-व्यवस्था की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दवा की दुकान से कारोबारी साम्राज्य तक

गोपाल खेमका ने अपने करियर की शुरुआत पटना मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित ‘औषधि मेडिको’ नामक दवा दुकान से की थी। पटना यूनिवर्सिटी के वाणिज्य कॉलेज से पढ़ाई के बाद उन्होंने हेल्थकेयर सेक्टर में कदम रखा और मगध हॉस्पिटल की स्थापना की। इसके अलावा उनका पेट्रोल पंप, राइस मिल, कॉटन और कार्टन फैक्ट्री समेत कई व्यवसाय पटना और हाजीपुर में फैला हुआ है। आज ‘औषधि’ की कई ब्रांचों में सैकड़ों कर्मचारी काम कर रहे हैं।

सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में भी सक्रिय थे Gopal Khemka

बिजनेस के अलावा गोपाल खेमका सामाजिक और राजनीतिक रूप से भी काफी सक्रिय थे। वे बीजेपी के लघु उद्योग प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक रह चुके थे और रोटरी इंटरनेशनल के डीजी भी। बांकीपुर क्लब के पूर्व सचिव भी रहे। हालांकि बेटे की मौत के बाद राजनीति से दूर हो गए थे लेकिन रोटरी के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते रहे।

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल, घटनास्थल थाने से 300 मीटर दूर

हत्या की जगह गांधी मैदान थाना से सिर्फ 300 मीटर की दूरी पर थी, इसके बावजूद पुलिस को पहुंचने में 1.5 से 2 घंटे लगे। इस देरी पर परिजनों ने कड़ी नाराज़गी जताई है। घटना रात 11:30 बजे हुई जब गोपाल खेमका अपनी कार से लौट रहे थे और अपार्टमेंट गेट पर थे। एक स्कूटी सवार शूटर ने नजदीक से गोली मारी। पटना पुलिस ने सिटी एसपी दीक्षा के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है और जांच जारी है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं लेकिन अब तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिला है।

विपक्ष ने नीतीश सरकार पर साधा निशाना

तेजस्वी यादव और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस हत्याकांड को ‘जंगलराज’ करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में व्यापारी अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस की लापरवाही से यह घटना हुई। हत्या के पीछे रंगदारी या कारोबारी रंजिश की आशंका जताई जा रही है।

खेमका परिवार पर लगातार कहर

गोपाल खेमका चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके बड़े बेटे गुंजन खेमका की हत्या 2018 में हुई थी। छोटा बेटा गौरव खेमका आईजीआईएमएस में डॉक्टर हैं और परिवार का कारोबार संभाल रहे हैं। पत्नी अविता खेमका गृहिणी हैं, और बेटी लंदन में रहती हैं। अब एक और हत्या ने इस प्रतिष्ठित परिवार को फिर से गहरे दुख में डाल दिया है।


निष्कर्ष: गोपाल खेमका की हत्या न केवल एक व्यावसायिक क्षति है बल्कि यह बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न है। यह घटना दिखाती है कि सुरक्षित समझे जाने वाले इलाके में भी कोई महफूज़ नहीं है। अब सबकी निगाहें एसआईटी जांच और पुलिस की कार्यशैली पर टिकी हैं।

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