आईआईटी पटना में हुआ ग्लोबल 6G वायरलेस टेक्नोलॉजी सिंपोजियम, दुनियाभर के एक्सपर्ट्स हुए शामिल

तेज़ रफ़्तार और AI आधारित 6G नेटवर्क को लेकर IIT Patna ने दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का किया आयोजन, रक्षा और स्पेस सेक्टर के लिए नई तकनीकों पर चर्चा

Iit Patna Global Symposium On 6g Wireless Technologies
(Image Source: Social Media Sites)

पटना: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) Patna ने 2 जून 2025 को IEEE International Symposium on 6G Mobile Wireless Communication का उद्घाटन किया। यह दो दिवसीय सम्मेलन वायरलेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रहे वैश्विक नवाचारों और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है।

इस कार्यक्रम का आयोजन आईआईटी पटना के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा किया गया, जिसमें 200 से अधिक वैज्ञानिक, नीति-निर्माता और उद्योग जगत के विशेषज्ञ शामिल हुए। 2 से 3 जून तक चलने वाले इस सम्मेलन में टेराहर्ट्ज़ (THz) कम्युनिकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), और स्पेस-टेरेस्ट्रियल नेटवर्क जैसे अत्याधुनिक विषयों पर प्रेजेंटेशन और वर्कशॉप आयोजित की गईं।

प्रो. टी. एन. सिंह ने किया उद्घाटन, 6G रिसर्च में भारत की बढ़ती भूमिका पर डाला प्रकाश

IIT Patna के निदेशक Prof. T. N. Singh ने कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए संस्थान की वायरलेस रिसर्च में अग्रणी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने 6G के लिए इंटेलिजेंट सर्फेस डिज़ाइन और अत्याधुनिक एंटेना तकनीकों पर संस्थान की रिसर्च को भविष्य की रक्षा और अंतरिक्ष जरूरतों के लिए अहम बताया।

भारत के डिजिटल भविष्य में 6G की अहम भूमिका

Babu Ram, एडिशनल डायरेक्टर जनरल (टेलीकॉम), दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा कि 6G टेक्नोलॉजी भारत के डिजिटल भविष्य के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। वहीं Dr Parag Agrawal, डिप्टी डायरेक्टर जनरल (TTDF) ने इस क्षेत्र में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

6G से जुड़े नए आयामों पर चर्चा, रिसर्चर्स के लिए विशेष वर्कशॉप

सम्मेलन के कन्वीनर और IIT Patna में 6G रिसर्च ग्रुप के प्रमुख Dr Amit Kumar Singh ने बताया कि अगली पीढ़ी की वायरलेस टेक्नोलॉजी से अल्ट्रा-फास्ट कनेक्टिविटी, इंटेलिजेंट सेंसिंग, ऑटोनोमस सिस्टम, रिमोट हेल्थकेयर और इंटीग्रेटेड स्पेस-एयर-ग्राउंड नेटवर्क्स की संभावनाएं खुलेंगी।

सम्मेलन में Intelligent Reflecting Surfaces (IRS), Orbital Angular Momentum (OAM) और AI/ML आधारित वायरलेस ऑप्टिमाइज़ेशन जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इसके साथ ही शुरुआती करियर के रिसर्चर्स और पीएचडी स्टूडेंट्स के लिए तकनीकी वर्कशॉप का आयोजन भी किया गया।

भारत सरकार और वैश्विक संस्थाओं का मिला सहयोग

इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को IEEE, Bharat 6G Alliance, Centre for Development of Advanced Computing (CDAC), Ministry of Communications और Ministry of Electronics and Information Technology जैसे प्रमुख संस्थानों का समर्थन प्राप्त है।

सम्मेलन का समापन 3 जून को Niraj Verma, अतिरिक्त सचिव और डिजिटल भारत निधि के प्रशासक के विशेष संबोधन के साथ होगा।

Share This Article
Exit mobile version