नालंदा यूनिवर्सिटी का नया अध्याय: ज्ञान, ग्लोबल सहयोग और विरासत का संगम

आधुनिक नालंदा यूनिवर्सिटी ने अपने पहले वर्ष में शिक्षा, शोध और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के जरिए प्राचीन गौरव को आधुनिक संदर्भ में पुनर्जीवित किया है।

Nalanda University Transformative Year 2025
(Source: Google/Social Media Sites)

प्रधानमंत्री Narendra Modi द्वारा 19 जून 2024 को उद्घाटन किए गए Nalanda University के नए परिसर ने आज अपने पहले साल की यात्रा पूरी कर ली है। यह विश्वविद्यालय अब भारत की उच्च शिक्षा का नया स्तंभ बनकर वैश्विक पहचान प्राप्त कर रहा है। प्राचीन नालंदा की विरासत को आधुनिक सोच, समावेशी शिक्षा और वैश्विक जुड़ाव के साथ पुनर्जीवित किया गया है।

शिक्षा के क्षेत्र में नया आयाम

बीते एक वर्ष में Nalanda University ने अपनी शैक्षणिक शक्ति को कई गुना बढ़ाया है। छह नए पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम शुरू किए गए हैं—जिसमें से दो पिछली सत्र में और चार इस साल शुरू होंगे। विश्वविद्यालय में अब पोस्ट-डॉक्टोरल फेलोशिप की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे शोध के क्षेत्र में गंभीरता और नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।

1,200 से अधिक छात्र विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे हैं, जिनमें 21 देशों के विद्यार्थी शामिल हैं। 400 से अधिक छात्र मास्टर्स और पीएचडी प्रोग्राम में नामांकित हैं, जबकि 800 से अधिक छात्र शॉर्ट टर्म कोर्स कर रहे हैं।

इस साल पहली बार, विश्वविद्यालय ने CUET (Common University Entrance Test) के माध्यम से भारतीय छात्रों को प्रवेश दिया—जो एक बड़ी और स्वागत योग्य बदलाव है।

वैश्विक भागीदारी और सहयोग की मिसाल

Nalanda University की अंतरराष्ट्रीय पहचान मजबूत होती जा रही है। पिछले वर्ष, विश्वविद्यालय ने लगभग 20 नए MoUs (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए। इन संस्थानों में शामिल हैं:

  • University of Salamanca, Spain
  • University of Kelaniya, Sri Lanka
  • Archaeological Survey of India

इसके अलावा Nalanda ASEAN-India Network of Universities की नोडल संस्था के रूप में भी सक्रिय है। इस नेटवर्क में IIT Kanpur, IIT Roorkee, Universitas Indonesia, University of Malaya, और Chiang Mai University जैसे प्रमुख संस्थान शामिल हैं। ये साझेदारियाँ केवल औपचारिक नहीं हैं, बल्कि विद्यार्थियों के एक्सचेंज, जॉइंट रिसर्च और सांस्कृतिक समझ को बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास हैं।

छात्रवृत्तियों के माध्यम से समावेशिता

Nalanda का उद्देश्य केवल शिक्षा नहीं, बल्कि समान अवसर प्रदान करना है। विश्वविद्यालय की छात्रवृत्ति योजनाएं जैसे ASEAN Fellowship, BIMSTEC, ICCR, और NU-Bhutan Scholarship—वंचित वर्ग, भिक्षु, भिक्षुणियों और हाशिए पर मौजूद छात्रों को शिक्षा का अवसर दे रही हैं। यह प्राचीन नालंदा की मुक्त शिक्षा परंपरा का आधुनिक रूप है।

पर्यावरण के अनुकूल आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर

राजगीर स्थित Nalanda परिसर एक “ग्रीन कैंपस” के रूप में विकसित हुआ है। 455 एकड़ में फैला परिसर अब केवल शिक्षा केंद्र नहीं, बल्कि एक पर्यावरणीय नवाचार का मॉडल बन चुका है। यहां की इमारतें सोलर एनर्जी से चलती हैं, जल संरक्षण और रीसाइक्लिंग सिस्टम का उपयोग होता है।

“Academic Spine”, स्टूडेंट रेजिडेंस और ईको-फ्रेंडली सुविधाओं के साथ विश्वविद्यालय ने एक स्थायी भविष्य की नींव रखी है।

नेतृत्व जो शोध में रचा-बसा है

Nalanda University के कुलपति Professor Sachin Chaturvedi एक प्रसिद्ध अर्थशास्त्री हैं और Reserve Bank of India के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। उनके नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने आधुनिक विकास और प्राचीन मूल्यों का समन्वय स्थापित किया है।

पहली वर्षगांठ के मौके पर उन्होंने कहा:
“यह वर्ष Nalanda के आधुनिक पुनर्जागरण की नींव रखने वाला रहा है। हम प्राचीन ज्ञान परंपरा को आज के वैश्विक संदर्भों से जोड़ते हुए भविष्य की दिशा में अग्रसर हैं।”

सांस्कृतिक धरोहर का पुनर्निर्माण

प्रधानमंत्री Narendra Modi की यात्रा ने Nalanda की सांस्कृतिक और कूटनीतिक महत्ता को रेखांकित किया था। कोरिया, जापान, चीन सहित कई एशियाई देशों से छात्र यहां अध्ययन के लिए आते हैं। Nalanda अब न केवल पुनर्जीवित हुआ है, बल्कि वैश्विक शिक्षा के भविष्य को आकार देने की दिशा में अग्रसर है।

Share This Article
Exit mobile version