पटना: बिहार की सियासत में विपक्षी एकता का बड़ा प्रदर्शन देखने को मिलेगा। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 26 और 27 अगस्त को राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ ‘वोटर अधिकार यात्रा’ (Voter Rights Yatra) में शामिल होंगी। यह यात्रा चुनाव आयोग की मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के खिलाफ शुरू की गई है, जिस पर विपक्ष “वोट चोरी” का आरोप लगा रहा है।
कांग्रेस का दावा: आंदोलन बन चुका है ऐतिहासिक
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि यह यात्रा अब सिर्फ बिहार की नहीं रही, बल्कि पूरे देश का आंदोलन बन चुकी है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कांग्रेस और इंडिया गठबंधन (INDIA Bloc) के कई बड़े नेता भी इसमें शामिल होंगे।
विपक्षी दिग्गजों की एंट्री तय
- तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन 27 अगस्त को
- कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 29 अगस्त को
- सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 30 अगस्त को
सूत्रों के अनुसार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी भी शामिल हो सकते हैं।
65 लाख नाम काटने का आरोप
17 अगस्त को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा, चुनाव आयोग की विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) के खिलाफ है। विपक्ष का आरोप है कि अब तक 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इसे भाजपा सरकार और चुनाव आयोग की साजिश बताया है।
किसानों से मुलाकात और जनसमर्थन
यात्रा गुरुवार को कटिहार पहुंची, जहां राहुल गांधी ने मखाना किसानों से भी मुलाकात की। नेताओं का कहना है कि इस यात्रा में उमड़ रही भीड़, जनता की नाराजगी और “वोट चोरी की कोशिश” के खिलाफ गुस्से को साफ दिखा रही है।