रोहतास: बिहार की राजनीति में वोटर लिस्ट विवाद को लेकर बड़ा मोड़ आ गया है। रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड के चपला गांव की रंजू देवी ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने अपने और अपने परिवार के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जाने का झूठा दावा किया था।
दरअसल, कुछ दिन पहले रंजू देवी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से शिकायत की थी कि उनके और उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ और विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए।
लेकिन अब रंजू देवी ने सफाई देते हुए बताया कि उनके वार्ड सचिव ने उन्हें ऐसा कहने के लिए कहा था। जब उन्होंने खुद बूथ जाकर ड्राफ्ट वोटर लिस्ट की जांच की तो पाया कि उनके और उनके परिवार के नाम मौजूद हैं।
राजनीतिक हलचल पर असर
इस खुलासे के बाद विपक्ष द्वारा उठाया गया SIR (Systematic Injustice in Registration) का दावा कमजोर पड़ गया है। चुनाव आयोग ने पहले ही इस विवाद पर हलफनामा मांगा था और केंद्र सरकार ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर भरोसा जताया था।
रंजू देवी के स्वीकारोक्ति ने विपक्ष के आरोपों की जमीन हिला दी है और अब यह विवाद राजनीतिक बहस से ज्यादा विपक्ष की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है।