बिहार में भ्रष्टाचारियों पर कहर बनी निगरानी टीम, 105 दिनों में 34 रिश्वतखोर दबोचे गए

जनवरी से मई तक 27 ट्रैप ऑपरेशन, 12 लाख से ज्यादा की अवैध रकम बरामद, मुख्यमंत्री Nitish Kumar की जीरो टॉलरेंस नीति का दिख रहा असर

Corruption News BBN24
(Image Source: Social Media Sites)

बिहार सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनाई गई ‘Zero Tolerance’ नीति अब धरातल पर असर दिखा रही है। राज्य Vigilance Bureau ने साल 2024 के पहले 5 महीनों में 34 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यानी औसतन हर चौथे दिन एक घूसखोर सलाखों के पीछे पहुंचा है।

27 ट्रैप केस, 12 लाख से ज्यादा की रिश्वत जब्त

इन गिरफ्तारियों में 27 मामले ट्रैप ऑपरेशन के तहत दर्ज किए गए, जिनमें रिश्वत लेते वक्त आरोपी पकड़े गए। इनसे कुल 12,46,000 रुपये की अवैध राशि जब्त की गई। वहीं, 4 मामलों में DA (Disproportionate Assets) केस और 3 मामलों में पद के दुरुपयोग को लेकर कार्रवाई की गई।

गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को Vigilance Court में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

साल दर साल तेज़ हुई कार्रवाई, नया रिकॉर्ड बना सकता है 2024

यदि आंकड़ों की बात करें, तो साल 2020 में 37, 2021 में 58, 2022 में 72 और 2023 में 36 भ्रष्ट लोकसेवकों पर कार्रवाई हुई थी। लेकिन 2024 के केवल 5 महीनों में ही 34 आरोपी पकड़ लिए गए हैं। इस रफ्तार को देखते हुए संभावना है कि इस साल अब तक का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार विरोधी रिकॉर्ड बन सकता है।

पुलिस से लेकर इंजीनियर तक गिरफ्त में

2024 में अब तक दर्ज किए गए ट्रैप केस में पुलिस विभाग के Sub-Inspector, Revenue Department के अधिकारी और Executive Engineer तक शामिल हैं।

इस तेज़ कार्रवाई के पीछे Vigilance Bureau की नई रणनीति का बड़ा हाथ है। अब आम नागरिक सीधे हेल्पलाइन नंबर या शिकायत पेटी के माध्यम से भ्रष्टाचार की जानकारी दे सकते हैं। शिकायत की जांच के बाद तत्काल कार्रवाई की जाती है।

DA केसों में भी बढ़ी सख्ती

सरकार अब ऐसे अधिकारियों को भी रडार पर ले रही है जिन्होंने नौकरी की आड़ में बेहिसाब संपत्ति जुटाई है। ऐसे मामलों में DA केस दर्ज कर उनकी संपत्ति की जांच व जब्ती की प्रक्रिया तेज़ की जा रही है।

मुख्यमंत्री Nitish Kumar की भ्रष्टाचार के प्रति सख्त नीति अब महज भाषण नहीं रही, बल्कि सच्चाई बन चुकी है। Vigilance Bureau की इस सक्रियता ने साबित कर दिया है कि अगर शिकायतें ठोस हों, तो भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई न केवल संभव है, बल्कि असरदार भी है।

Share This Article
Exit mobile version