Bihar Cyber Fraud Kingpin: वर्दी के पीछे छिपा साइबर माफिया, हवलदार और बेटा चला रहे थे करोड़ों की ठगी का हाई-टेक रैकेट

मोतीहारी में SSB हवलदार और उसके बेटे ने मिलकर बनाया साइबर फ्रॉड का जाल, पुलिस की छापेमारी में 10 लाख कैश, हथियार और फर्जी दस्तावेज बरामद

Bihar Cyber Fraud Havaldar Son Scam Network Exposed
Bihar Cyber Fraud Havaldar Son Scam Network Exposed (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार (Bihar Cyber Crime) के मोतीहारी से एक ऐसा हाई-प्रोफाइल साइबर माफिया नेटवर्क उजागर हुआ है, जिसने कानून व्यवस्था और सुरक्षा बल की छवि को झकझोर कर रख दिया है। SSB की 74वीं बटालियन में कार्यरत हवलदार पंकज कुमार पांडेय और उसका बेटा यश पांडेय अंतरराज्यीय साइबर क्राइम का मास्टरमाइंड निकला है। पुलिस की सटीक कार्रवाई में इस गिरोह के पूरे साम्राज्य का पर्दाफाश हुआ है।

मोतीहारी एसपी स्वर्ण प्रभात और साइबर डीएसपी अभिनव पराशर की अगुवाई में किए गए इस ऑपरेशन में “बॉस साइबर गैंग” का खुलासा हुआ है। अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी के दौरान पुलिस ने 10.30 लाख रुपये नकद, हथियारों का जखीरा, रुपए गिनने की मशीन, कई लैपटॉप, सीपीयू, मोबाइल फोन, पासबुक, एटीएम कार्ड, चेकबुक और क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट से जुड़े डिजिटल दस्तावेज जब्त किए हैं।

गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि पंकज पांडेय न केवल हवलदार है, बल्कि वह इनामी साइबर अपराधी यश पांडेय का पिता है और आयुष नामक व्यक्ति का मामा भी। पंकज, मोहल्ले के दुकानदार सुरेंद्र कुमार के बैंक खाते का इस्तेमाल कर ठगी के पैसे को इधर-उधर करता था। हर लाख पर एक हजार रुपये कमीशन देकर गरीबों और आम लोगों के बैंक अकाउंट्स का जमकर दुरुपयोग किया गया।

इस गोरखधंधे में शामिल कुछ और नाम भी सामने आए हैं। गिरफ्तार मोहम्मद जावेद और फरार आरोपी दयाशंकर, पुरुषोत्तम चौधरी और अनिमेश कुमार ने क्रिप्टो और हवाला के जरिये ठगी के पैसों को सफेद करने का नेटवर्क तैयार किया था। दयाशंकर ने मीना बाजार में 70,000 रुपये महीने पर दुकान और मकान किराये पर लेकर वहां पूरी ‘फ्रॉड फैक्ट्री’ स्थापित कर रखी थी।

अब तक इस गिरोह से जुड़े 8 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि 30 अन्य की पहचान हो चुकी है जो इस काले कारोबार को वैध बनाने में लगे थे। यह घटना यह दिखाने के लिए काफी है कि साइबर अपराधियों ने अब वर्दी, रुतबे और पारिवारिक संबंधों का इस्तेमाल भी ठगी के लिए करना शुरू कर दिया है।

पुलिस की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़े साइबर रैकेट को तोड़ने की दिशा में बड़ी कामयाबी है, बल्कि बिहार में साइबर सुरक्षा को लेकर एक चेतावनी भी है। अब जरूरत है तकनीकी निगरानी और सख्त कार्रवाई की, ताकि ऐसे संगठित अपराधों की जड़ें समय रहते उखाड़ी जा सकें।

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