पटना में ‘महा प्रेस कॉन्फ्रेंस’ के जरिए फिल्म निर्माता चेतना Jham ने रखी सांस्कृतिक क्रांति की नींव
पटना, 24 मई: बिहार की राजधानी पटना के प्रतिष्ठित होटल मौर्या में आज भोजपुरी सिनेमा के भविष्य को नई दिशा देने के लिए एक विशेष “महा प्रेस कॉन्फ्रेंस” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की मेज़बानी की फिल्म निर्माता Chetna Jham और स्कमाखी एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने, जिसमें राज्य सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री — कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री Motilal Prasad और पर्यटन मंत्री Raju Kumar Singh — विशेष रूप से मौजूद रहे।
चेतना Jham: ‘Anmol Ghadi’ से साफ-सुथरी फिल्मों का होगा आगाज़
फिल्म निर्माता चेतना Jham ने कार्यक्रम में कहा कि भोजपुरी सिनेमा ने डॉ. राजेन्द्र प्रसाद जैसे महानायक से शुरुआत की थी, लेकिन आज इसकी गरिमा खतरे में है। उन्होंने ज़ोर दिया कि अब वक्त है अच्छे शब्दों, शुद्ध भाषा और सामाजिक सरोकारों पर आधारित फिल्मों को बढ़ावा देने का।
उनकी आगामी फिल्म “Anmol Ghadi” पूरी तरह से बिहार में शूट होगी और इसका उद्देश्य पारिवारिक मूल्यों और प्रेरणादायक विषयों को सामने लाना है। उन्होंने यह भी बताया कि वे थिएटर मालिकों और वितरकों के साथ मिलकर एक स्पष्ट नीति तैयार करने की दिशा में प्रयासरत हैं ताकि साफ-सुथरी फिल्मों को प्राथमिकता दी जा सके।
सरकार का समर्थन: शुद्ध भाषा और सामाजिक फिल्मों को मिलेगी प्राथमिकता
कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री Motilal Prasad ने कहा, “अगर किसी फिल्म की 75% शूटिंग बिहार में होती है, तो सरकार उसे 4 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी। हम उन फिल्मों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो शुद्ध भाषा, अच्छा संदेश और सामाजिक सरोकारों पर आधारित हों।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अश्लीलता को बढ़ावा देने वाली सामग्री को हतोत्साहित करेगी और साफ-सुथरी फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री का आश्वासन: ऐतिहासिक स्थलों को बनाया जा रहा है शूटिंग के लिए तैयार
पर्यटन मंत्री Raju Kumar Singh ने बताया कि बिहार में Gaya, Valmikinagar, Vaishali जैसे ऐतिहासिक स्थलों को शूटिंग स्पॉट्स के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 800 करोड़ रुपये की योजनाएं पर्यटन और सांस्कृतिक विकास को ध्यान में रखकर स्वीकृत की गई हैं।
एक नयी शुरुआत: भोजपुरी को मिले गरिमा और सम्मान
इस महा प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक स्वर से यह मांग उठी कि अब समय आ गया है जब भोजपुरी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को गरिमा और सम्मान मिले। चेतना Jham ने सुझाव दिया कि सरकार को थिएटर मालिकों और फिल्म वितरकों के साथ मिलकर एक स्पष्ट नीति बनानी चाहिए जिससे द्विअर्थी और अपमानजनक कंटेंट को रोका जा सके और पारिवारिक मूल्यों पर आधारित फिल्मों को बढ़ावा मिले।