अब साइबर फ्रॉड से मिलेगा बीमा सुरक्षा, वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman का बड़ा फैसला

वित्त मंत्रालय ने सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों को दिए निर्देश, जल्द लॉन्च होंगे Cyber Fraud Cover वाले बीमा प्रोडक्ट्स

Cyber Fraud Insurance Cover Guidelines Nirmala Sitharaman
(Image Source: Social Media Sites)

दिल्ली: देश में Cyber Crime और Financial Fraud के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने हाल ही में सरकारी इंश्योरेंस कंपनियों के साथ एक अहम समीक्षा बैठक की। इस बैठक में उन्होंने निर्देश दिए कि कंपनियां Cyber Fraud जैसे जोखिमों को कवर करने वाले बीमा प्रोडक्ट्स को जल्द से जल्द बाजार में उतारें।

ग्राहक सेवाओं में लाएं डिजिटल सुधार, शिकायतों का हो तत्काल समाधान

वित्त मंत्री ने सरकारी बीमा कंपनियों को ग्राहकों की शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की सलाह दी। उन्होंने कंपनियों को सुझाव दिया कि डिजिटल टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करें और AI (Artificial Intelligence) की मदद से क्लेम प्रोसेस को अधिक प्रभावी बनाएं।

इसके साथ ही, उन्होंने ग्राहकों की सुविधा के लिए सोशल मीडिया से जुड़ने और सरल इंटरफेस वाले बीमा पोर्टल्स विकसित करने का सुझाव भी दिया। बीमा योजनाएं ऐसी हों, जो आम लोगों की जरूरतों के अनुसार हों और कीमतें भी तार्किक हों।

क्यों ज़रूरी है Cyber Fraud कवर?

भारत में General Insurance की पहुंच अब भी वैश्विक औसत से काफी कम है। वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में जनरल इंश्योरेंस की पैठ जीडीपी के केवल 1% के बराबर है, जबकि ग्लोबल एवरेज 4.2% है।

वर्ष 2024 में बीमा धोखाधड़ी की वजह से देश को करीब 1.77 अरब रुपये का नुकसान हुआ, जो कि बीते वर्षों की तुलना में लगभग दोगुना है। ऐसे में इस प्रकार के सुरक्षा कवर की जरूरत अब अनिवार्य हो गई है।

इंश्योरेंस सेक्टर में हुआ बड़ा बदलाव, बढ़ा प्रीमियम

सरकारी बीमा कंपनियों द्वारा वसूले गए प्रीमियम में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।

  • 2019 में कुल बीमा प्रीमियम: ₹80,000 करोड़
  • वित्त वर्ष 2025 तक: ₹1.06 लाख करोड़

हेल्थ इंश्योरेंस के दावे के मामलों में सरकारी कंपनियों का अनुपात अब भी निजी कंपनियों से अधिक है, हालांकि COVID-19 काल के मुकाबले इसमें थोड़ी कमी आई है।

  • 2021 में दावा अनुपात: सरकारी कंपनियां – 126%, निजी कंपनियां – 105%
  • 2023-24 में दावा अनुपात: सरकारी – 103%, निजी – 89%

निष्कर्ष:

वित्त मंत्रालय की इस पहल से यह साफ है कि सरकार अब बीमा क्षेत्र को आम जनता के लिए अधिक सुरक्षित और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना चाहती है। Cyber Fraud Insurance जैसे प्रोडक्ट्स आने से लोगों को डिजिटल युग में मिलने वाले खतरों से राहत मिलेगी और बीमा सेक्टर में लोगों का भरोसा और बढ़ेगा।


अगर आप भी साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं या भविष्य में इससे सुरक्षा चाहते हैं, तो आने वाले दिनों में इन बीमा प्रोडक्ट्स पर नज़र रखें — ये आपकी डिजिटल सुरक्षा का कवच बन सकते हैं।

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