Jharkhand Hospital Shame: महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही, OT का दरवाजा नहीं खोला

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग में दर्द से कराहती गर्भवती महिला को नहीं मिला इलाज, मंत्री ने कहा- दोषियों को नहीं किया जाएगा माफ

Jharkhand Hospital Woman Labor Pain Ot Door Closed Irfan Ansari Reacts
(Image Source: Social Media Sites)
Highlights
  • OT के बाहर तड़पती रही महिला, नहीं मिला समय पर इलाज
  • परिजन रातभर भटकते रहे, कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था
  • मंत्री इरफान अंसारी ने लिया संज्ञान, कड़ी कार्रवाई का वादा

हजारीबाग: झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली एक बार फिर उजागर हुई जब शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज, हजारीबाग में 4 जून की रात एक गर्भवती महिला को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। दर्द से कराहती महिला के परिजनों ने ऑपरेशन थिएटर (OT) का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कर्मचारियों ने दरवाजा नहीं खोला। महिला को आखिरकार निजी अस्पताल ले जाना पड़ा।

OT बंद, न डॉक्टर न स्टाफ, रातभर भटकते रहे परिजन

बरकट्ठा निवासी विनोद कुमार साव अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा के कारण देर रात लगभग 3 बजे अस्पताल लाए थे। लेकिन वहां मौजूद किसी डॉक्टर या स्टाफ की गैरमौजूदगी ने उन्हें निराश कर दिया। OT के बाहर लगातार गुहार लगाने और दरवाजा पीटने के बावजूद दरवाजा नहीं खोला गया। इस लापरवाही ने सरकारी चिकित्सा प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, मंत्री ने जताई संवेदना

इस अमानवीय घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री Irfan Ansari ने इस पर संज्ञान लिया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला का वीडियो देखकर मन बहुत विचलित हुआ। यह घटना मानवता के खिलाफ है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” मंत्री ने भरोसा दिलाया कि राज्य के प्रत्येक नागरिक को 24×7 स्वास्थ्य सुविधा देना सरकार की प्राथमिकता है।

सिस्टम फेल या स्टाफ की लापरवाही?

यह घटना सिर्फ एक महिला की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की कहानी है जो सिर्फ कागज़ों पर ज़िम्मेदार दिखाई देता है। अस्पताल में इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए स्टाफ की उपलब्धता न होना, OT का बंद रहना, और मरीज की उपेक्षा—ये सब दर्शाते हैं कि झारखंड की स्वास्थ्य सेवाएं किस कगार पर हैं।

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