मानसून ने समय से पहले दी दस्तक: भारत में इस बार Monsoon 2025 ने समय से 7 दिन पहले दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पुष्टि की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून (Southwest Monsoon) ने 24 मई को केरल (Kerala) तट पर दस्तक दे दी है। यह 2009 के बाद पहली बार हुआ है जब मानसून इतना जल्दी भारत की मुख्य भूमि पर पहुंचा है।
2009 में भी मानसून 23 मई को केरल पहुंचा था। आमतौर पर, मानसून 1 जून तक केरल पहुंचता है और धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता है। यह 8 जुलाई तक पूरे भारत को कवर कर लेता है और फिर 17 सितंबर से उत्तर-पश्चिम भारत से वापस लौटने लगता है।
पिछली वर्षों की तुलना में इस बार सबसे पहले आया मानसून
पिछले कुछ वर्षों में मानसून का आगमन निम्न तिथियों पर हुआ था:
- 2024: 30 मई
- 2023: 8 जून
- 2022: 29 मई
- 2021: 3 जून
- 2020: 1 जून
- 2019: 8 जून
- 2018: 29 मई
इस बार मानसून 24 मई को पहुंचा है, जो पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी है।
दक्षिण भारत में झमाझम बारिश, बिहार की बारी जल्द
केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बीते हफ्ते से ही भारी बारिश देखने को मिल रही है। मौसम विभाग का कहना है कि 27 से 29 मई तक केरल-माहे और कर्नाटक में भारी बारिश जारी रहेगी। इसके अलावा तेलंगाना, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भी अगले पांच दिनों में अच्छी बारिश की संभावना है। खासकर 25 और 26 मई को अत्यधिक बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बिहार में मानसून का स्वागत, राहत की उम्मीद
बिहार के लोगों के लिए भी खुशखबरी है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, राज्य में मानसून जून के दूसरे सप्ताह से सक्रिय हो सकता है। इससे किसानों को बड़ी राहत मिलेगी और गर्मी से जूझ रहे आम लोगों को भी सुकून मिलेगा।
सामान्य से ज्यादा बारिश की उम्मीद
IMD ने अप्रैल में जारी अपने पूर्वानुमान में कहा था कि 2025 में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है। अल नीनो (El Nino) की स्थिति फिलहाल प्रभावी नहीं है, जिससे अच्छी बारिश की संभावना मजबूत हो जाती है।
जल्दी मानसून का मतलब पूरे भारत में एक जैसा असर नहीं
विशेषज्ञों का मानना है कि केरल में मानसून का जल्दी आना जरूरी नहीं कि देशभर में भी बारिश समय से हो। मानसून की गतिविधियां वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों पर निर्भर करती हैं और इसका असर हर राज्य में अलग हो सकता है।