National Dengue Day 2025: डेंगू से जंग का राष्ट्रीय संकल्प, क्यों हर साल 16 मई को मनाया जाता है ये दिन?

National Dengue Day 2025 Theme History Importance
(Image Source: Social Media Sites)

डेंगू से लड़ने का राष्ट्रीय संदेश: भारत में हर साल 16 मई को National Dengue Day के रूप में मनाया जाता है, जो डेंगू जैसे गंभीर वायरल संक्रमण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह दिन खासतौर पर इसलिए चुना गया क्योंकि मई के महीने में मानसून की शुरुआत के साथ Aedes Aegypti मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बनता है। इस दिन के माध्यम से भारत सरकार लोगों को सतर्क रहने और समय रहते सावधानी बरतने का संदेश देती है।

2025 की थीम क्या होगी?

हर साल की तरह इस बार भी National Dengue Day 2025 के लिए एक खास थीम निर्धारित की जाएगी जो देशभर में चलाए जाने वाले डेंगू जागरूकता अभियानों की दिशा तय करेगी। पिछले वर्ष 2024 की थीम थी: “डेंगू पर नियंत्रण, स्वस्थ जीवन की पहचान”। उम्मीद है कि इस साल की थीम भी तकनीकी समाधान, जनभागीदारी और जलवायु परिवर्तन जैसे अहम पहलुओं को शामिल करेगी।

डेंगू का इतिहास और भारत में स्थिति

डेंगू वायरस की पहचान 1940 के दशक में हुई थी, लेकिन भारत में इसका पहला बड़ा प्रकोप 1956 में Kolkata में दर्ज किया गया। आज भारत उन प्रमुख देशों में शामिल है जहां डेंगू तेजी से फैलता है। Uttar Pradesh, Delhi, Maharashtra, West Bengal और Tamil Nadu जैसे राज्यों में हर साल हजारों डेंगू के केस सामने आते हैं। खराब जल निकासी, अधिक जनसंख्या घनत्व और जागरूकता की कमी इसके बड़े कारण हैं।

डेंगू कैसे फैलता है?

डेंगू वायरस का संक्रमण Aedes Aegypti मच्छर के काटने से होता है, जो दिन के समय सक्रिय होता है और साफ पानी में पनपता है। Flower pots, water tanks, coolers, fridge trays आदि इसके प्रमुख प्रजनन स्थल हैं। बरसात के मौसम में यह समस्या और गंभीर हो जाती है।

डेंगू के लक्षण क्या हैं?

डेंगू के आम लक्षणों में शामिल हैं:

  • तेज बुखार
  • सिर और आंखों के पीछे दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • त्वचा पर चकत्ते
  • थकान, मतली और उल्टी

गंभीर मामलों में Dengue Shock Syndrome, प्लेटलेट्स की अत्यधिक कमी और अंगों की विफलता हो सकती है।

डेंगू की जांच और इलाज

डेंगू की पुष्टि के लिए ELISA टेस्ट और NS1 Antigen Test किए जाते हैं। डेंगू का कोई विशेष antiviral इलाज नहीं है, लेकिन लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है। Paracetamol बुखार के लिए दी जाती है और fluid intake बढ़ाने की सलाह दी जाती है। गंभीर मामलों में hospitalization और platelet transfusion जरूरी हो सकता है।

बचाव ही सबसे बेहतर उपाय

  • घर और आस-पास सफाई रखें
  • पानी जमा न होने दें
  • Water tanks और containers को ढकें
  • Cooler और flower vases की सफाई करें
  • Full sleeves कपड़े पहनें
  • Mosquito repellents और mosquito nets का इस्तेमाल करें
  • सामुदायिक स्तर पर fogging और anti-larva spray कराएं

भारत सरकार की पहल

भारत सरकार ने ‘National Vector Borne Disease Control Programme’ के तहत डेंगू नियंत्रण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। स्कूलों, कॉलेजों और कॉलोनियों में जनजागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। Municipal Corporations घर-घर जाकर लार्वा की जांच करते हैं और लोगों को जागरूक करते हैं।

WHO और वैश्विक प्रयास

World Health Organization (WHO) ने डेंगू को सबसे तेजी से फैलने वाली मच्छर जनित बीमारी घोषित किया है। WHO के अनुसार, हर साल करीब 400 million लोग डेंगू से प्रभावित होते हैं। इसके लिए WHO ने Global Vector Control Response जैसे अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू किए हैं।

जलवायु परिवर्तन और डेंगू

बढ़ते तापमान, असामान्य वर्षा और नमी के कारण अब डेंगू Himachal Pradesh, Uttarakhand और Nepal जैसे ठंडे क्षेत्रों तक फैल चुका है। इसलिए डेंगू नियंत्रण के लिए climate-adaptive strategies की ज़रूरत है।

तकनीकी समाधान और विज्ञान का योगदान

  • Wolbachia bacteria technique से मच्छरों को संक्रमण फैलाने से रोका जा रहा है
  • कुछ देशों में Dengvaxia vaccine का इस्तेमाल हो रहा है
  • भारत में भी स्वदेशी वैक्सीन पर शोध जारी है
  • Mobile apps और data analytics की मदद से डेंगू हॉटस्पॉट्स की पहचान हो रही है

सामाजिक भागीदारी है सबसे जरूरी

Resident Welfare Associations (RWA), NGOs, स्कूल और मीडिया को जागरूकता फैलाने में भागीदारी निभानी चाहिए। Nukkad natak, poster contests, digital campaigns के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाया जा सकता है।

निष्कर्ष

National Dengue Day केवल एक प्रतीकात्मक दिन नहीं, बल्कि यह एक सार्वजनिक चेतावनी है जो हमें याद दिलाता है कि डेंगू पर नियंत्रण सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। यदि हम समय रहते सावधानी बरतें, तो यह जानलेवा बीमारी रोकी जा सकती है। 2025 का डेंगू दिवस जन आंदोलन का रूप ले सकता है—यदि हर नागरिक अपनी भूमिका निभाए।

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