प्रधानमंत्री Narendra Modi के बिहार दौरे के बीच सुरक्षा एजेंसियां उस वक्त सतर्क हो गईं जब 29 मई 2025 को PMO (प्रधानमंत्री कार्यालय) के एक अधिकारी को व्हाट्सएप पर एक धमकी भरा संदेश मिला। इस संदेश में देश के प्रधानमंत्री को हत्या की सीधी धमकी दी गई थी। मामला गंभीर था, इसलिए तत्काल NIA, IB, और गृह मंत्रालय की टीमें सक्रिय हो गईं।
4 घंटे में आरोपी तक पहुंची पुलिस, तकनीकी सेल ने निभाई अहम भूमिका
जैसे ही मामला Bhagalpur Police तक पहुंचा, SSP Hridaykant ने DSP, तकनीकी सेल और सुल्तानगंज थाना की टीम को जांच में लगा दिया। कॉल डिटेल्स, मैसेज ट्रेसिंग और लोकेशन सर्विलांस के जरिए पुलिस ने केवल 4 घंटे में धमकी देने वाले आरोपी Samir Ranjan को गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी सिम से भेजा गया था मैसेज, बुजुर्ग के नाम पर निकला सिम कार्ड
जांच में सामने आया कि जिस नंबर से पीएम मोदी को धमकी दी गई, वह 71 वर्षीय बुजुर्ग Mantu Chaudhary के नाम पर जारी एक सिम कार्ड था। आरोपी समीर ने यह सिम किसी फर्जी पहचान या साइबर फ्रॉड के जरिए प्राप्त किया था। यह मामला SIM Cloning और Fake SIM Activation का बड़ा उदाहरण बन गया है।
आरोपी समीर रंजन का बैकग्राउंड: पढ़ा-लिखा लेकिन मानसिक और आर्थिक रूप से अस्थिर
पुलिस के मुताबिक समीर रंजन की उम्र 35 साल है, पिता का नाम Kumar Sharad Ranjan है। वह Maheshi गांव, सुल्तानगंज थाना क्षेत्र का निवासी है। समीर ने BCA की पढ़ाई की है और COVID-19 महामारी से पहले नौकरी में था। महामारी के बाद से वह बेरोजगार था और मानसिक रूप से अस्थिर हो गया था। पुलिस का मानना है कि उसकी मानसिक हालत ने उसे इस तरह का गंभीर कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।
संयुक्त कार्रवाई से हुआ खुलासा, एसएसपी ने खुद की निगरानी
भागलपुर पुलिस और तकनीकी टीम ने मिलकर लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और सिम रजिस्ट्रेशन डेटा का मिलान कर समीर तक पहुंचने में सफलता हासिल की। पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद SSP Hridaykant ने की और गिरफ्तारी सुनिश्चित की।