शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास! भारत का बेटा Axiom-4 मिशन के जरिए बना अंतरिक्ष विजेता

Axiom-4 Mission में शामिल होकर IAF के Group Captain Shubhanshu Shukla ने रचा नया इतिहास, बने Rakesh Sharma के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय

Shubhanshu Shukla Axiom 4 Space Mission History
Shubhanshu Shukla Axiom 4 Space Mission History (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • Shubhanshu Shukla बने अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय
  • Axiom-4 Mission में शामिल हुए IAF ग्रुप कैप्टन
  • गगनयान मिशन के लिए भी बना मजबूत आधार

Shubhanshu Shukla, भारतीय वायुसेना के Group Captain, ने 25 जून 2025 को Axiom-4 Mission के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरकर इतिहास रच दिया। वे Rakesh Sharma के बाद अंतरिक्ष में पहुंचने वाले केवल दूसरे भारतीय बन गए हैं।

यह मिशन भारत के गगनयान मिशन और देश के निजी अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया अध्याय जोड़ता है।

शुभांशु की जीवन यात्रा: लखनऊ से अंतरिक्ष तक

10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्मे Shubhanshu Shukla की शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से हुई। मात्र 16 वर्ष की उम्र में उनका चयन NDA में हो गया था।

2006 में वे भारतीय वायुसेना में शामिल हुए और एक टेस्ट पायलट के रूप में उन्होंने Su-30 MKI, Mig-21, Mig-29, Jaguar, Dornier और An-32 जैसे विमान उड़ाए हैं।

उनके पिता उन्हें IAS बनते देखना चाहते थे, लेकिन शुभांशु ने अंतरिक्ष को अपना लक्ष्य बना लिया।

गगनयान और रूसी ट्रेनिंग सेंटर से मिली मजबूती

2019 में ISRO ने गगनयान मिशन के लिए शुभांशु को चुना। इसके बाद उन्होंने रूस के Yuri Gagarin Cosmonaut Training Center में गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया।

यह प्रशिक्षण उन्हें Axiom-4 Mission में शामिल होने के लिए तैयार करने में निर्णायक साबित हुआ।

Axiom-4 Mission: प्राइवेट स्पेस ट्रैवल का भविष्य

यह मिशन NASA, Axiom Space और SpaceX की साझेदारी का नतीजा है। 25 जून को सुबह 2:31 बजे (IST: दोपहर 12:01 बजे) Falcon 9 Rocket और Dragon Spacecraft के जरिए यह मिशन लॉन्च हुआ।

26 जून की शाम 4:30 बजे ISS से डॉकिंग की योजना है।

भारत के साथ-साथ पोलैंड और हंगरी के लिए भी विशेष

यह मिशन भारत के साथ-साथ Poland और Hungary के लिए भी विशेष है। इन देशों की यह 40 वर्षों में पहली सरकार प्रायोजित मानव अंतरिक्ष यात्रा है।

यह मिशन 31 देशों के सहयोग से 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।

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