चाईबासा के जंगलों में फूटा बारूद! सुरक्षाबलों ने नक्सल बंकर किया ध्वस्त, IED बरामद

झारखंड के चाईबासा में कोबरा 209 और जिला पुलिस बल को बड़ी सफलता, नक्सलियों की विध्वंसक साजिश को समय रहते किया नाकाम

Chaisbasa Naxal Bunker Ied Recovered Security Success
Chaisbasa Naxal Bunker Ied Recovered Security Success (Source: BBN24/Google/Social Media)

चाईबासा (Jharkhand): झारखंड के चाईबासा जिले के सुदूर जंगलों में कोबरा 209 और जिला पुलिस बल की संयुक्त कार्रवाई में एक बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम किया गया है। सुरक्षा बलों ने छोटानागरा थाना क्षेत्र के घने जंगलों में पांच नक्सली बंकरों को ध्वस्त करते हुए दो आईईडी (IED) और भारी मात्रा में दैनिक उपयोग की सामग्री बरामद की है। बरामद आईईडी को मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से निष्क्रिय कर दिया गया।

सूचना से शुरू हुआ ऑपरेशन, जंगल में की गई गहन खोजबीन

पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक कार्यालय को 7 जुलाई को गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा (माओवादी) संगठन के नक्सली छोटानागरा थाना क्षेत्र की जंगल पहाड़ियों में विस्फोटक छिपाकर सुरक्षाबलों पर हमला करने की साजिश रच रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने कोबरा 209, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर की टीमों के साथ एक संयुक्त अभियान दल का गठन किया और 8 जुलाई से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

बरामद हुआ विस्फोटक, बंकरों को किया गया नष्ट

अभियान के दौरान शुक्रवार को सुरक्षाबलों ने जंगली इलाके में छिपे लगभग 2 आईईडी और 5 नक्सली बंकर खोज निकाले। बंकरों से नक्सलियों के दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं भी मिलीं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मौके पर ही बम निरोधक दस्ते की मदद से आईईडी को नष्ट कर दिया गया, वहीं बंकरों को भी ध्वस्त कर दिया गया।

सक्रिय हैं कई वांछित नक्सली नेता, लगातार अभियान जारी

पुलिस सूत्रों के अनुसार इलाके में मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटु लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत और रापा मुंडा जैसे वांछित माओवादी नेताओं की सक्रियता बनी हुई है। इन नेताओं के नेतृत्व में नक्सली सारंडा-कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधियों के लिए जुटे हैं। इसी कारण सुरक्षाबलों द्वारा संयुक्त अभियान लगातार जारी है।

नक्सलियों पर बढ़ता शिकंजा, अब और सतर्क सुरक्षा एजेंसियां

इस सफल ऑपरेशन से न केवल एक बड़ा खतरा टल गया है, बल्कि सुरक्षाबलों का मनोबल भी बढ़ा है। साथ ही यह भी संकेत है कि नक्सली अब भी राज्य के अंदर अपने ठिकाने बनाए हुए हैं और किसी बड़ी साजिश की फिराक में हैं। ऐसे में आने वाले समय में और तेज़ व व्यापक अभियान चलाए जाने की संभावना है।


नोट: यह ऑपरेशन यह दर्शाता है कि झारखंड पुलिस और सुरक्षाबल नक्सल गतिविधियों को जड़ से समाप्त करने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।

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