Shravana Nakshatra वैदिक ज्योतिष के 22वें नक्षत्र के रूप में जाना जाता है। यह नक्षत्र चंद्रमा से जुड़ा होता है और इसके अधिपति होते हैं भगवान विष्णु। इसके प्रतीक तीन पदचिह्न होते हैं जो ज्ञान, श्रवण शक्ति और आध्यात्मिक विकास का संकेत देते हैं।
इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग गहरी रचनात्मकता, आध्यात्मिकता और ज्ञान की प्रवृत्ति वाले होते हैं। इनके जीवन में संगीत, कला और साहित्य का विशेष स्थान होता है।
रचनात्मकता और ज़िम्मेदारी की मिसाल
Shravana Nakshatra के जातक अत्यधिक जिम्मेदार, अनुशासित और समाज के लिए योगदान देने वाले होते हैं। ये लोग न सिर्फ अपने काम को पूरी निष्ठा से करते हैं, बल्कि उनमें निर्णय लेने और नेतृत्व करने की क्षमता भी भरपूर होती है।
स्वावलंबी होती हैं इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं
इस नक्षत्र में जन्मी महिलाएं बुद्धिमान, दयालु और आत्मनिर्भर होती हैं। उनके पास गजब की स्मरणशक्ति और कलात्मक सोच होती है। ये महिलाएं नई चीजें सीखने में रुचि रखती हैं और रिश्तों को सहेज कर रखने में माहिर होती हैं।
चार चरणों के अनुसार बदलता है व्यक्तित्व
प्रथम चरण
इस चरण में जन्मे लोग गहरी समझ, न्यायप्रियता और आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं। ये लोग विश्लेषणात्मक सोच रखते हैं और विचारों में परिपक्वता दिखाते हैं।
द्वितीय चरण
इस चरण वाले जातक होते हैं नेतृत्व क्षमता से भरपूर और महत्वाकांक्षी। ये चुनौतियों से घबराते नहीं बल्कि उन्हें अपनाकर आगे बढ़ते हैं।
तृतीय चरण
इस चरण में जन्मे लोग मानसिक रूप से अशांत और परिवर्तनशील होते हैं। ये हमेशा नए अवसरों और नवाचार की तलाश में रहते हैं।
चतुर्थ चरण
इस चरण वाले जातक भाग्यशाली, समृद्ध और लोकप्रिय होते हैं। ये लोग समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बनाते हैं और भौतिक सुख-सुविधाओं में जीवन व्यतीत करते हैं।
क्यों होते हैं सभी के चहेते?
Shravana Nakshatra के जातक दूसरों के विचारों को ध्यान से सुनने और समझने की कला में माहिर होते हैं। यही कारण है कि ये अपने सामाजिक व पेशेवर जीवन में तेज़ी से ऊंचाइयों को छूते हैं। इनकी संगत प्रेरणादायक होती है, और यही इन्हें भीड़ से अलग बनाता है।