बिहार चुनाव में नया समीकरण! AIMIM ने Congress-RJD गठबंधन के लिए रखी बड़ी शर्त

सीमांचल की सभी सीटों की मांग के साथ AIMIM गठबंधन को तैयार, RJD-कांग्रेस की सहमति बनना बाकी

Asaduddin Owaisi Aimim Bbn24
(Image Source: Social Media Sites)

बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) कांग्रेस (Congress) और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ हाथ मिलाने को तैयार दिख रही है। लेकिन यह गठबंधन सीमांचल की सीटों को लेकर एक बड़ी शर्त पर अटक सकता है।

सूत्रों के अनुसार, AIMIM बिहार के सीमांचल इलाके की सभी 24 विधानसभा सीटों पर दावा कर रही है, वहीं RJD गठबंधन में उसे केवल 8-10 सीटें देने के मूड में है। कांग्रेस और वामपंथी दलों की आपत्तियों के चलते अभी अंतिम सहमति नहीं बन पाई है।

अख्तरुल इमान बोले- BJP को हराने के लिए तैयार हैं गठबंधन को

AIMIM के बिहार अध्यक्ष और अमौर विधायक अख्तरुल इमान (Akhtarul Iman) ने स्पष्ट किया कि पार्टी महागठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार है, बशर्ते सीमांचल की प्रमुख सीटें दी जाएं। उन्होंने कहा,
“हमारी विचारधारा BJP को हराना और बिहार को मजबूत बनाना है। हम कम सीटों पर भी समझौता कर सकते हैं, अगर सीमांचल की अहम सीटें हमें मिलें।”

चुनावी समीकरण साधने में जुटे सभी दल

बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं और सभी दल गठजोड़ और समीकरण बिठाने में जुटे हैं। फिलहाल RJD के नेतृत्व में कांग्रेस, वामपंथी पार्टियां और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) महागठबंधन में शामिल हैं। AIMIM की एंट्री इस समीकरण को और जटिल बना सकती है।

2020 में AIMIM ने सीमांचल में जीती थीं 5 सीटें

2020 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने सीमांचल क्षेत्र की 5 सीटों – अमौर, कोचाधामन, जोकीहाट, बैसी और बहादुरगंज – पर जीत दर्ज की थी। इस बार पार्टी 50 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी, लेकिन गठबंधन की संभावना को देखते हुए पार्टी ने लचीला रुख अपनाया है।

RJD के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) AIMIM को सीमांचल में 8-10 सीटें देने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस और वाम दल इस प्रस्ताव को लेकर सहज नहीं हैं क्योंकि उन्हें अपनी सीटों में कटौती करनी पड़ सकती है।

क्या AIMIM बनेगी गेमचेंजर?

AIMIM की सीमांचल में मजबूत पकड़ को देखते हुए पार्टी महागठबंधन के लिए एक संभावित गेमचेंजर बन सकती है। अब देखना यह है कि क्या कांग्रेस और वाम दल सीटों की बलि देकर AIMIM को गठबंधन में शामिल होने देंगे या फिर यह समीकरण बनने से पहले ही टूट जाएगा।

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