तेजस्वी यादव को बड़ा झटका: असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM बनाएगी तीसरा मोर्चा, महागठबंधन से टूटी बात

AIMIM Third Front Announcement: ओवैसी की पार्टी ने MGB और NDA दोनों को बताया चुनौती, सीमांचल से लेकर पूरे बिहार में लड़ेगी चुनाव

Aimim Third Front Bihar Owaisi Tejashwi Nda Mgb
Aimim Third Front Bihar Owaisi Tejashwi Nda Mgb (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM बनाएगी तीसरा मोर्चा
  • महागठबंधन से बातचीत विफल, सीमांचल के बाहर भी लड़ेगी चुनाव
  • तेजस्वी यादव को मुस्लिम वोटर्स में बिखराव से हो सकता है नुकसान

बिहार की राजनीति में बड़ा फेरबदल देखने को मिल रहा है। Asaduddin Owaisi की पार्टी AIMIM ने अब Mahagathbandhan (MGB) और NDA दोनों से अलग तीसरा फ्रंट बनाने का ऐलान कर दिया है। AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष Akhatarul Iman ने यह घोषणा करते हुए कहा कि अब वे समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर तीसरा मोर्चा बनाएंगे।

पिछले कुछ महीनों से AIMIM की ओर से महागठबंधन में शामिल होने के संकेत मिल रहे थे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा था कि वे सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए गठबंधन को तैयार हैं, लेकिन महागठबंधन की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली।

तेजस्वी यादव से दूरी, ओवैसी का नया राजनीतिक दांव

Akhatarul Iman ने कहा कि अब उन्होंने एक नया रास्ता अपनाने का निर्णय लिया है और शीघ्र ही इसकी तैयारियां शुरू हो जाएंगी। उन्होंने साफ किया कि यह तीसरा मोर्चा आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पूरी तरह सक्रिय हो जाएगा और बिहार में communal forces को चुनौती देगा।

इससे पहले खुद Asaduddin Owaisi ने कहा था कि यदि India Alliance बिहार में NDA को रोकना चाहता है, तो AIMIM साथ चलने को तैयार है, लेकिन अंतिम निर्णय महागठबंधन के दलों को लेना होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि अगर MGB तैयार नहीं हुआ, तो उनकी पार्टी सीमांचल के साथ-साथ राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी चुनाव लड़ेगी।

2020 में भी दिखा था AIMIM का असर

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में AIMIM ने Grand Democratic Secular Front के तहत चुनाव लड़ा था, जिसमें Upendra Kushwaha की RLSP, Mayawati की BSP सहित छह पार्टियां शामिल थीं। AIMIM ने सीमांचल की 19 सीटों में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। हालांकि बाद में इनमें से 4 विधायक RJD में शामिल हो गए थे। इस समय पार्टी के पास एकमात्र विधायक Akhatarul Iman हैं, जो Amour से विधायक हैं।

तेजस्वी को क्यों लगेगा झटका?

AIMIM की यह घोषणा Tejashwi Yadav के लिए किसी झटके से कम नहीं मानी जा रही है। पिछले चुनाव में मुस्लिम वोट बैंक के बंटवारे से BJP को फायदा हुआ था और AIMIM सीमांचल में मजबूत हो गई थी। अब यदि पार्टी थर्ड फ्रंट बनाकर मैदान में उतरती है, तो यह वोटों के और बंटवारे का कारण बन सकता है, जिससे MGB की संभावनाएं कमजोर पड़ सकती हैं।

महागठबंधन से बात क्यों नहीं बनी?

हाल ही में AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष ने दावा किया था कि वे MGB के कई नेताओं से संपर्क में हैं, लेकिन जब Tejashwi Yadav से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने किसी भी तरह के प्रस्ताव को नकार दिया। इसके बाद से AIMIM के महागठबंधन में शामिल होने की संभावनाएं और धुंधली हो गई थीं।

अब पार्टी ने खुले तौर पर तीसरे मोर्चे के गठन का ऐलान करके यह साफ कर दिया है कि वह अपनी राजनीतिक दिशा तय कर चुकी है। आने वाले चुनाव में यह तीसरा मोर्चा राज्य की राजनीति में नया समीकरण बना सकता है।

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