9 जुलाई को बिहार बंद का एलान: चुनाव आयोग पर भड़के Pappu Yadav, कहा- “EC बना RSS का दफ्तर”

बिहार में मतदाता सूची संशोधन पर Pappu Yadav का बड़ा ऐलान, कहा- 9 जुलाई को सड़क पर उतरेगा बिहार, घेरेंगे चुनाव आयोग का दफ्तर

Bihar Band Pappu Yadav On Voter List Issue
Bihar Band Pappu Yadav On Voter List Issue (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • Pappu Yadav ने 9 जुलाई को Bihar Bandh का एलान किया
  • चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप, कहा- "EC बना RSS का दफ्तर"
  • BJP और JDU ने Pappu Yadav के आरोपों को किया खारिज

पटना: Purnea से सांसद Pappu Yadav बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले जबरदस्त एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने 9 जुलाई को Bihar Bandh का एलान किया है। साथ ही चुनाव आयोग के खिलाफ सख्त तेवर अपनाते हुए उसके कार्यालय को घेरने की चेतावनी दी है।

Pappu Yadav ने कहा कि “हम 9 जुलाई को पूरे बिहार में सड़क पर उतरेंगे। चुनाव आयोग अब RSS का दफ्तर बन चुका है। हम हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे और इस लड़ाई में कांग्रेस के साथ खड़े हैं।”

“EC अलाउद्दीन का चिराग है क्या?” – पप्पू यादव का हमला

Pappu Yadav ने EC पर सीधा आरोप लगाते हुए कहा, “चुनाव आयोग भगवान नहीं है। अगर वो संविधान की मर्यादा को खतरे में डालता है, तो बिहार की जनता संघर्ष के लिए तैयार है। यह आरपार की लड़ाई होगी। जरूरत पड़ी तो जान भी देंगे।”

BLO को लेकर भी जताई नाराजगी

अपने X (पूर्व Twitter) पोस्ट में Pappu Yadav ने लिखा कि “BLO भी हमारे भाई-बहन हैं, लेकिन उन्हें सरकार प्रताड़ित कर रही है। गांव में आने पर उन्हें कोई फॉर्म न भरने दें, फॉर्म को आग में झोंक दें। उनसे प्रेम से पेश आएं लेकिन उन्हें फॉर्म बांटने से रोकें।”

बीजेपी का पलटवार: “हमेशा बूथ लूट से जीतते रहे हैं पप्पू”

इस पर BJP सांसद संजय जायसवाल ने कहा, “Pappu Yadav हमेशा बूथ लूटकर चुनाव जीतते हैं। 5 करोड़ मतदाताओं को पुनरीक्षण की आवश्यकता नहीं है। केवल 70-80 लाख लोगों को दस्तावेज देने होंगे।”

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जो पढ़ते नहीं, कुछ जानते नहीं और हार मान चुके हैं, वही इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं।”

जेडीयू का संतुलित रुख

JDU नेता नीरज कुमार ने कहा, “चुनाव आयोग का कार्य है कि जो भी व्यक्ति भारत के संविधान के तहत वोट देने का हकदार है, उसे मतदाता सूची में जगह मिले। हर पात्र व्यक्ति को यह अधिकार मिलना चाहिए।”

क्या है पूरा मामला?

Election Commission of India ने 24 जून को बिहार में Special Intensive Revision (SIR) का निर्देश दिया था। यह प्रक्रिया 25 जून से 26 जुलाई 2025 तक चलेगी। शुरुआत में सभी मतदाताओं के लिए दस्तावेज जरूरी किए गए थे, लेकिन बाद में नियमों में कुछ ढील दी गई।

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