पटना: बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। Tejashwi Yadav से मुलाकात के महज कुछ घंटे बाद कांग्रेस पार्टी ने 15 जून को विधायकों की आपात बैठक (Emergency Meeting) बुला ली है। सूत्रों की मानें तो यह बैठक सिर्फ औपचारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से बेहद अहम मानी जा रही है।
कांग्रेस ने बिहार Chunav 2025 के मद्देनज़र पार्टी विधायकों को सक्रिय करने की कवायद तेज कर दी है। बैठक में सभी विधायकों की मौजूदगी अनिवार्य कर दी गई है, और इसमें उन्हें “Maa Bahin Yojana” समेत कई जनहितकारी योजनाओं की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
कांग्रेस करेगी ‘माई बहिन योजना’ को चुनावी हथियार
बैठक के एजेंडे में सबसे ऊपर है ‘माई बहिन योजना’ (Maa Bahin Yojana), जिसे कांग्रेस election campaign का अहम हिस्सा बनाना चाहती है। सूत्रों का कहना है कि इस योजना के ज़रिए कांग्रेस महिला और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में लामबंद करने की तैयारी कर रही है।
कांग्रेस प्रभारी Krishna Allavaru और अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में यह बैठक एक बड़ा संदेश देने जा रही है। राहुल गांधी ने भी पार्टी नेताओं को ground-level campaigning शुरू करने का स्पष्ट निर्देश दे दिया है।
क्या बदलने वाला है बिहार का सियासी समीकरण?
महागठबंधन की हालिया बैठक और तेजस्वी यादव से कांग्रेस की निकटता ने संकेत दे दिए हैं कि बिहार की राजनीति में एक बार फिर गठबंधन और एजेंडा दोनों नए रूप में सामने आ सकते हैं। कांग्रेस इस बार सिर्फ समर्थक की भूमिका में नहीं, बल्कि रणनीतिक नेतृत्वकर्ता की भूमिका में उतरने को तैयार दिख रही है।