बिहार राजनीति में बड़ा घटनाक्रम: बिहार के सियासी गलियारे में तेज़ हलचल, दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव को दो साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला 2019 के मारपीट मामले में आया है, जिसमें विधायक और उनके सह-आरोपी सुरेश यादव दोषी पाए गए हैं।
कोर्ट का फैसला और सजा की विस्तार
दरअसल, दरभंगा की एमपी-एमएलए कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए दोनों आरोपियों को दो-दो वर्ष का कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माना न देने की स्थिति में अतिरिक्त एक साल की सजा भुगतनी होगी।
मामला कब और कैसे शुरू हुआ?
यह मामला जनवरी 2019 का है, जब समैला के रहने वाले उमेश मिश्र ने विधायक मिश्रीलाल यादव और उनके साथियों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
अदालत में पहले भी हो चुकी है सजा
21 फरवरी 2025 को निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत तीन माह की सजा और 500 रुपये का जुर्माना सुनाया था। इसके बाद विधायक ने इस फैसले के खिलाफ अपील की थी, लेकिन 23 मई 2025 को अपीलीय अदालत ने अपील खारिज कर दी।
सजा के बाद की स्थिति
अदालत ने मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सजा की अवधि तय की और दोनों आरोपियों को दो-दो साल के कठोर कारावास और एक-एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई।