पटना: बिहार की सियासत इस समय पोस्टर वॉर के बीच आ गई है। जैसे-जैसे Bihar Assembly Election 2025 नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों की रणनीतियों में पोस्टर भी हथियार बनते जा रहे हैं। अब RJD (राष्ट्रीय जनता दल) के खिलाफ एक नया पोस्टर वायरल हो रहा है, जिसका शीर्षक है: “जंगलराज: 15 साल के 15 कांड”। इस पोस्टर में Lalu Prasad Yadav और Tejashwi Yadav की तस्वीर के साथ उनके शासनकाल के कथित काले अध्यायों को गिनाया गया है।
15 साल के 15 कांड: किसे निशाना बना रहा है पोस्टर?
नई पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत एक चौकाने वाले पोस्टर से हुई है, जिसमें RJD के शासनकाल को “जंगलराज” बताया गया है। पोस्टर में सीधे तौर पर Lalu Yadav और उनकी पत्नी Rabri Devi के कार्यकाल में हुए 15 बड़े कांडों को उजागर किया गया है।
इनमें शामिल हैं:
- Miapur Massacre (मियांपुर नरसंहार)
- Champa Vishwas Case (चंपा विश्वास कांड)
- Fodder Scam (चारा घोटाला)
- Medicine Scam (दवा घोटाला)
- Flood Relief Scam (बाढ़ राहत घोटाला)
- और 10 अन्य गंभीर घटनाएं, जिन्हें Jungle Raj के प्रतीक के तौर पर दिखाया गया है।
तेजस्वी यादव की भी लगी तस्वीर, विरोधियों का खुला वार
इस बार पोस्टर में केवल Lalu Prasad Yadav ही नहीं बल्कि उनके बेटे Tejashwi Yadav को भी निशाने पर लिया गया है। आरोप यह भी लगाया गया है कि तेजस्वी खुद “वंशवाद और भ्रष्टाचार की विरासत” को आगे बढ़ा रहे हैं।
एनडीए की ओर से पहले भी लगे हैं आपत्तिजनक पोस्टर
यह पहला मौका नहीं है जब NDA समर्थकों ने RJD को निशाने पर लिया हो। हाल ही में पटना के Income Tax Golambar पर एक पोस्टर लगाया गया था जिसमें Lalu Yadav को भैंस पर बैठे और मुंह में चारा चबाते दिखाया गया था। Tejashwi Yadav उस पोस्टर में उनके आगे बैठे नजर आ रहे थे, और कैप्शन था: “मेरा बाप चारा चोर, मुझे वोट दो।”
यह पोस्टर सीधे तौर पर Fodder Scam और परिवारवाद को निशाना बनाता है। इससे बिहार की राजनीति में गर्मी और तनाव और बढ़ गया है।
पोस्टर वॉर की राजनीति से चुनावी फिजा में तनाव
बिहार की चुनावी राजनीति में पोस्टर कोई नई बात नहीं है, लेकिन व्यक्तिगत हमलों और परिवार को निशाना बनाना यह दिखाता है कि राजनीतिक दल अब मुद्दों से ज्यादा छवि की लड़ाई लड़ रहे हैं। वहीं RJD की ओर से भी जवाबी पोस्टर लगाए जा चुके हैं जिसमें NDA नेताओं के रिश्तेदारों की नियुक्तियों को उजागर किया गया।
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की पोस्टर पॉलिटिक्स चुनावी रणनीति का एक हिस्सा है, लेकिन इसका असर मतदाताओं पर किस हद तक पड़ेगा, यह देखना बाकी है।