पटना: बिहार की चुनावी गर्मी के बीच Super 30 परिवार ने भी राजनीति की पारी शुरू कर दी है। मशहूर गणितज्ञ और सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार के छोटे भाई प्रणव कुमार ने अब RJD का हाथ थाम लिया है। पार्टी प्रमुख तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। सूत्रों की मानें तो प्रणव कुमार RJD के टिकट पर आगामी विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं।
बिहार में हर दिन सियासी समीकरण बदल रहे हैं। कभी किसी का दल बदल तो कभी किसी नए चेहरे की एंट्री, ऐसे में सुपर 30 जैसे चर्चित परिवार का राजनीति में आना एक बड़ी खबर बन गई है।
सुपर 30 और आनंद कुमार की कहानी
बिहार के पटना में जन्मे आनंद कुमार ने साल 2002 में Super 30 की स्थापना की थी। इस अनूठे प्रोग्राम में उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर लेकिन मेधावी 30 बच्चों को मुफ्त में पढ़ाने का बीड़ा उठाया। न केवल पढ़ाई बल्कि रहने-खाने तक की सुविधा मुफ्त थी।
उनकी इस प्रेरणादायक कहानी पर बॉलीवुड में भी फिल्म बनी, जिसका नाम Super 30 था। फिल्म में Hrithik Roshan ने आनंद कुमार का किरदार निभाया था। आनंद कुमार के पढ़ाए सैकड़ों छात्र आज देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में हैं।
राजनीति में क्या करिश्मा दिखाएंगे प्रणव कुमार?
अब सवाल यह है कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले परिवार का यह नया राजनीतिक सफर कैसा रहेगा। क्या प्रणव कुमार भी अपने भाई की तरह समाज सेवा और शिक्षा के मुद्दों को लेकर सियासत में अपनी छाप छोड़ पाएंगे?
तेजस्वी यादव ने उन्हें पार्टी में शामिल कर यह संकेत तो दे ही दिया है कि वह पढ़े-लिखे और सामाजिक सरोकार रखने वाले चेहरों को साथ लाना चाहते हैं। प्रणव कुमार के चुनाव लड़ने को लेकर जल्द ही पार्टी की तरफ से औपचारिक ऐलान हो सकता है।
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सुपर 30 की सफलता की कहानी
Super 30 का मॉडल इतना सफल हुआ कि देश-विदेश में इसकी तारीफ हुई। इस मॉडल में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से आने वाले होनहार बच्चों को चुना जाता था। फिर उनके लिए साल भर की आईआईटी की तैयारी, स्टडी मटेरियल, भोजन, रहने का इंतजाम – सबकुछ फ्री।
आनंद कुमार के इस प्रयास ने कोचिंग इंडस्ट्री को भी झकझोर दिया था, जहां मोटी फीस के बिना पढ़ाई संभव नहीं थी।