कैंसर से जूझ रही बहन को समर्पित की जीत, मैदान पर कहर बना ‘आकाश दीप’

बिहार के रोहतास से निकलकर इंग्लैंड में छाया एक सितारा, टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर बहन के संघर्ष को दी खास श्रद्धांजलि

Akash Deep Dedicates 10 Wicket Haul To Cancer Battling Sister
Akash Deep Dedicates 10 Wicket Haul To Cancer Battling Sister (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट, बहन को समर्पित किया प्रदर्शन
  • आकाश दीप की कहानी प्रेरणा से भरपूर, संघर्ष से मिली सफलता
  • बड्डी गांव में खुशी की लहर, भारत को मिला नया हीरो

रोहतास: भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे टेस्ट मैच में भारतीय टीम ने 336 रनों से धमाकेदार जीत दर्ज की, लेकिन इस जीत का सबसे भावुक पहलू था आकाश दीप का प्रदर्शन और उनका डेडिकेशन। बिहार के रोहतास जिले के छोटे से गांव बड्डी से निकले तेज गेंदबाज Akash Deep ने इस मुकाबले में कुल 10 विकेट झटके और मैच के बाद इसे अपनी कैंसर से लड़ रही बहन अखंड ज्योति को समर्पित कर दिया।

बहन के नाम समर्पित जीत, आंखें नम कर देने वाला पल

मैच खत्म होने के बाद आकाश ने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह जीत मेरी बहन के लिए है, जो पिछले दो महीने से कैंसर से लड़ रही हैं। उनकी हिम्मत ही मुझे प्रेरणा देती है।” यह बयान सुनकर हर क्रिकेटप्रेमी की आंखें नम हो गईं। Akash Deep ने न सिर्फ गेंद से कहर बरपाया, बल्कि दिल भी जीत लिया।

संघर्षों की छाया में पली क्रिकेट यात्रा

आकाश दीप की जिंदगी हमेशा आसान नहीं रही। पिता और बड़े भाई की असमय मृत्यु ने परिवार को झकझोर दिया। आज जब बहन गंभीर बीमारी से जूझ रही हैं, उन्होंने देश के लिए मैदान में अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। उनकी मां लड्डूमां देवी हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं, जबकि पिता उन्हें सरकारी अफसर बनाना चाहते थे।

चुपचाप खेले क्रिकेट, चाचू बना हीरो

परिवार के समर्थन से दूर, वे छुप-छुपाकर क्रिकेट खेलते थे। आज उन्हीं के भतीजी आर्या सिंह गर्व से कहती हैं, “चाचू ने 10 विकेट लेकर कमाल कर दिया! अब वो घर आएंगे तो मैं उनकी पसंदीदा डिश बनाऊंगी।”

गांव में जश्न का माहौल, हर कोई कर रहा सेल्यूट

बड्डी गांव के हर कोने में अब मिठाइयां बांटी जा रही हैं। रिश्तेदार विपिन सिंह ने कहा, “हम सभी ने एक साथ मैच देखा और हर विकेट पर तालियां बजाईं। गांव के बेटे ने नाम रोशन कर दिया।” ग्रामीणों का कहना है कि अब हर बच्चा आकाश दीप जैसा बनना चाहता है।

बंगाल से मिला मौका, टेस्ट टीम तक की उड़ान

2010 में तीन साल का ब्रेक लेने के बाद आकाश ने बंगाल जाकर दुर्गापुर से फिर शुरुआत की। वहां उन्होंने खुद को एक बेहतरीन गेंदबाज के रूप में स्थापित किया। Ranji Trophy में प्रदर्शन के बाद उन्हें टीम इंडिया में मौका मिला। आज वे टेस्ट टीम में मजबूत जगह बना चुके हैं।

टीम इंडिया में भविष्य सुरक्षित, देश को उम्मीदें

India vs England Test में 10 विकेट लेने के बाद यह साफ हो गया कि आकाश दीप सिर्फ वर्तमान नहीं, भविष्य भी हैं। उनका सफर बताता है कि मेहनत, संघर्ष और परिवार का साथ इंसान को किसी भी ऊंचाई तक पहुंचा सकता है।

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