Shubman Gill ने अपने नेतृत्व की शुरुआत कुछ ऐसे अंदाज में की है जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज हो गया है। इंग्लैंड के खिलाफ (England vs India) टेस्ट सीरीज के पहले मैच में, Shubman Gill ने कप्तान के रूप में पहली बार मैदान पर उतरते हुए शानदार शतक ठोका और एक साथ दो बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
शतक के साथ लीजेंड्स की कतार में हुए शामिल
भारतीय क्रिकेट में अब तक सिर्फ तीन खिलाड़ी ऐसे हुए हैं जिन्होंने कप्तान बनते ही अपने डेब्यू टेस्ट पारी में शतक जड़ा हो। अब इस खास क्लब में शुभमन गिल का नाम भी शामिल हो गया है।
कप्तान के रूप में डेब्यू टेस्ट पारी में शतक लगाने वाले भारतीय:
खिलाड़ी | स्कोर | विरोधी | वर्ष |
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विजय हजारे | 164* | इंग्लैंड | 1951 |
सुनील गावस्कर | 116 | न्यूजीलैंड | 1976 |
विराट कोहली | 115 | ऑस्ट्रेलिया | 2014 |
शुभमन गिल | 107 | इंग्लैंड | 2025 |
गिल की 140 गेंदों में खेली गई 107 रनों की पारी ने यह साफ कर दिया कि वह केवल एक उभरता सितारा नहीं, बल्कि टीम इंडिया का भविष्य लीडर भी हैं।
2000 टेस्ट रन का मील का पत्थर भी किया पार
गिल की इस शानदार पारी के साथ एक और उपलब्धि भी उनके नाम जुड़ गई — 2000 टेस्ट रन। यह मुकाम उन्होंने महज 60 पारियों में हासिल कर लिया। विराट कोहली के रिटायरमेंट के बाद उन्हें नंबर-4 की अहम भूमिका सौंपी गई थी, और गिल ने इस जिम्मेदारी को शानदार तरीके से निभाया है।
क्यों गिल बने कप्तान?
रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास और विराट कोहली के ब्रेक के बाद टीम इंडिया को एक नए लीडर की तलाश थी। Shubman Gill, जो निरंतर प्रदर्शन और शांत नेतृत्व क्षमता के लिए जाने जाते हैं, को यह बड़ी जिम्मेदारी दी गई। और उन्होंने इस जिम्मेदारी के पहले ही मैच में ऐसा परफॉर्म किया जिसने सभी को प्रभावित किया।
गिल की कप्तानी में टीम इंडिया ने पहले ही टेस्ट में एक ठोस शुरुआत की है, और उनकी खुद की पारी ने खिलाड़ियों में आत्मविश्वास और जोश भर दिया है।