ईरान और इज़राइल के बीच छिड़े युद्ध के छठे दिन बड़ा घटनाक्रम सामने आया जब ईरान की राजधानी Tehran के Lavizan क्षेत्र में एक के बाद एक कई विस्फोट हुए। यह वही इलाका है जिसे Supreme Leader Ayatollah Ali Khamenei का संभावित गुप्त ठिकाना माना जाता है।
इज़राइल की डिफेंस फोर्स (IDF) ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी दी कि वे तेहरान में ईरानी शासन के सैन्य ठिकानों पर कार्रवाई कर रहे हैं।
यह हमला खामेनेई के उस लाइव टीवी संबोधन के महज कुछ मिनट बाद हुआ जिसमें उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump की “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग को सिरे से खारिज कर दिया था।
धमाकेदार बयान से तिलमिलाया इज़राइल?
खामेनेई ने 13 जून के बाद पहली बार टेलीविजन पर आकर अमेरिका और इज़राइल पर जमकर हमला बोला। 86 वर्षीय नेता ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो उसका खामियाजा उसे अपूरणीय नुकसान के रूप में भुगतना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है।
उनका यह भी कहना था कि इज़राइल ने हाल ही में गंभीर गलती की है और इसके लिए तेल अवीव को सज़ा मिलेगी। उन्होंने ज़ायोनी शासन के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ईरान न तो अपने शहीदों के खून को भूलेगा और न ही माफ़ करेगा।
लवीज़ान: रहस्य और रणनीति का केंद्र
लवीज़ान इलाका वर्षों से ईरानी शासन का रणनीतिक और रहस्यमयी केंद्र माना जाता रहा है। इसे खामेनेई का अघोषित शरणस्थल भी माना जाता है। ऐसे में इज़राइली हमले की टाइमिंग को लेकर अटकलें तेज हैं—क्या इज़राइल ने जानबूझकर Supreme Leader को ही निशाना बनाया?
स्थानीय समयानुसार दोपहर 3:50 बजे तेहरान के पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी इलाकों में कम से कम 5 बड़े धमाके सुने गए। आसमान में धुएं के कई गुबार देखे गए। लोगों में दहशत का माहौल है, और पूरे शहर में हाई अलर्ट है।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें
इज़राइल की इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें फिर से पश्चिम एशिया पर टिक गई हैं। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों ने तनाव कम करने की अपील की है, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि ईरान और इज़राइल अब खुली जंग की ओर बढ़ चुके हैं।