Pakistan Blames US For Terrorism: भारत की तरह अब पाकिस्तान भी अमेरिका में जाकर अपने पक्ष रखने की कोशिश में जुट गया है। Pakistan Peoples Party (PPP) के नेता Bilawal Bhutto ने Washington में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऐसा बयान दे डाला, जिससे अमेरिका-पाकिस्तान रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है।
Bilawal Bhutto ने आरोप लगाया कि अमेरिका की अफगानिस्तान नीति ने पाकिस्तान में आतंकवाद को जन्म दिया। उन्होंने कहा कि 2020 में तत्कालीन राष्ट्रपति Donald Trump के फैसले के तहत अमेरिकी सैनिक जिस तरह से जल्दबाज़ी में अफगानिस्तान से निकले, उस दौरान कई घातक हथियार वहीं छूट गए। इन हथियारों पर अब आतंकवादी संगठनों का कब्जा है, जो पाकिस्तान में तबाही मचा रहे हैं।
अमेरिका पर पाकिस्तान का पलटवार या सियासी चाल?
Bilawal के इस बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी हमलों के पीछे अमेरिकी अफगान नीति की बड़ी भूमिका है। आज जो हथियार आतंकियों के पास हैं, वे अमेरिका के ही छोड़े हुए हैं।”
इस बयान को पाकिस्तान की सियासी चाल माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में भारत ने Operation Sindoor के ज़रिए दुनिया को अपना पक्ष मजबूत तरीके से रखा था। अब पाकिस्तान भी अमेरिका जाकर अपनी छवि सुधारने का प्रयास करता दिख रहा है।
अमेरिका की चेतावनी के बाद आया पाकिस्तान का पलटवार
गौरतलब है कि बीते हफ्ते ही अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी दी थी। अमेरिका ने कहा था कि पाकिस्तान को अपने देश में सक्रिय आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और वहां के अल्पसंख्यक समुदायों—ईसाई, हिंदू और अहमदिया—को बिना किसी भेदभाव के धार्मिक स्वतंत्रता देनी चाहिए।
लेकिन अब Bilawal Bhutto के इस पलटवार से यह साफ है कि पाकिस्तान इस दबाव का जवाब सार्वजनिक मंचों पर अमेरिका को दोषी ठहराकर दे रहा है।
निष्कर्ष:
Bilawal Bhutto का यह बयान सिर्फ एक कूटनीतिक प्रतिक्रिया है या पाकिस्तान की सियासी मजबूरी, यह तो वक्त बताएगा। लेकिन फिलहाल यह साफ है कि अमेरिका और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव की लकीरें और गहरी होती जा रही हैं।