पटना: बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। दलित बच्ची के साथ गैंगरेप और हत्या से लेकर करोड़ों की लूट, गैंगवार और अपहरण की घटनाओं ने सूबे की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि ‘सुशासन’ की छवि पर गहरा धब्बा लग चुका है।
जनवरी 2025 से अब तक राज्य में कम से कम 20 बड़ी आपराधिक घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं में आरा के Tanishq Jewellery Loot से लेकर Muzaffarpur की नाबालिग दलित लड़की से दुष्कर्म और हत्या तक शामिल हैं।
बढ़ती वारदातें, घबराई जनता
जनता का सवाल साफ है—क्या नीतीश कुमार का राज अब Lalu Yadav के ‘जंगलराज’ की ओर लौट चुका है?
10 मार्च 2025 को आरा के Tanishq शोरूम में 6 हथियारबंद बदमाशों ने दिनदहाड़े घुसकर करीब ₹25 करोड़ की ज्वेलरी लूट ली। चौंकाने वाली बात ये रही कि पुलिस को 30 बार फोन किए गए, लेकिन तत्काल कोई सहायता नहीं पहुंची।
इसी दौरान पटना में लगातार गोलीबारी और हत्याओं की घटनाएं सामने आईं, जो सीधे-सीधे कानून-व्यवस्था की पोल खोल रही हैं।
विपक्ष का हमला: ‘जंगलराज 2.0’ की वापसी?
विपक्षी दल खुलकर नीतीश सरकार पर निशाना साध रहे हैं। उनका कहना है कि बिहार एक बार फिर से ‘अपराधियों के स्वर्ग’ में तब्दील हो चुका है।
जनवरी 2025 से अब तक की कुछ बड़ी घटनाएं:
- Muzaffarpur में एक दलित नाबालिग लड़की से गैंगरेप और हत्या
- Patna में फरवरी के पहले 15 दिनों में 11 गोलीबारी की घटनाएं
- Begusarai में गैंगवार
- Lakhisarai में युवक को अगवा कर जबरन विवाह
- Buxar में तेज रफ्तार ट्रक से दो की मौत
- Khagaria में महिला से गैंगरेप, वीडियो वायरल
- Patna में 13 वर्षीय लड़की का अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म
- Bettiah में 6 साल की बच्ची से बलात्कार
- Araria में भाजपा नेता पर जानलेवा हमला
- Gaya में दो हाई एक्सप्लोसिव बम बरामद
STF की कार्रवाइयां भी नाकाफी
राज्य की Special Task Force (STF) ने दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 के बीच 16 बड़ी आपराधिक साजिशों को नाकाम किया, जिनमें 11 हत्या की साजिशें थीं। बावजूद इसके अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहे।
पटना में एक राजस्व कर्मचारी को ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया, वहीं Pataliputra की एक ज्वेलरी दुकान में लाखों की चोरी हुई।
नीतीश कुमार की चुप्पी पर उठते सवाल
मुख्यमंत्री Nitish Kumar की तरफ से अब तक इन घटनाओं पर कोई सीधा बयान नहीं आया है। विपक्ष इसे उनकी ‘नीति विफलता’ बता रहा है।
नीतीश सरकार ने 2005 में जब सत्ता संभाली थी, तो ‘जंगलराज खत्म करने’ का वादा किया था। मगर आज की स्थिति देखकर लोग सवाल कर रहे हैं—क्या बिहार में फिर से वही डर और अराजकता लौट आई है?
निष्कर्ष:
बिहार की वर्तमान स्थिति चिंता जनक है। पुलिस-प्रशासन की नाकामी, अपराधियों के बढ़ते हौसले और शासन की चुप्पी ने राज्य को फिर से असुरक्षा के गहरे साए में धकेल दिया है। अगर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो बिहार की छवि पर स्थायी दाग लग सकता है।