पटना: बिहार की शिक्षा व्यवस्था अब डिजिटल युग में कदम रखने जा रही है। राज्य सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए 31,297 सरकारी मध्य विद्यालयों में कंप्यूटर और स्मार्ट क्लास की सुविधा शुरू करने की मंजूरी दे दी है। यह पहल राज्य के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर आधारित है, जिसे हाल ही में वित्त विभाग से भी स्वीकृति मिल गई है।
पहले चरण में छठी से आठवीं कक्षा तक के छात्रों को मिलेगा लाभ
शिक्षा विभाग के अनुसार, पहले चरण में कक्षा 6वीं से 8वीं तक के छात्रों को प्रशिक्षित शिक्षक कंप्यूटर की शिक्षा देंगे। इसके लिए विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब और टेक्नोलॉजी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। छात्रों को Microsoft Word, Excel, PowerPoint, MS Office जैसे सॉफ़्टवेयर की मूलभूत जानकारी दी जाएगी।
कक्षा 3 से 5 तक के लिए भी आएगा दूसरा चरण
राज्य सरकार ने इस डिजिटल पहल के दूसरे चरण की भी योजना बना ली है। इस चरण में 40,566 प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा 3 से 5 तक के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जाएगी। इस पूरी योजना से राज्य के 71,863 विद्यालयों के लाखों छात्रों को फायदा मिलने वाला है।
डॉ. एस. सिद्धार्थ की पहल का दिखा असर
इस योजना की नींव उस वक्त रखी गई थी जब शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने दिसंबर 2024 में प्रारंभिक विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षा शुरू कराने का प्रस्ताव दिया था। यह प्रस्ताव शिक्षा विभाग के बजट में शामिल किया गया था और बिहार विधानसभा के बजट सत्र 2025 में इसकी घोषणा भी की गई थी।
बेसिक नॉलेज पर आधारित किताबें और एक्सपर्ट शिक्षक होंगे उपलब्ध
शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जानकारी दी कि बच्चों को बेसिक कंप्यूटर नॉलेज सिखाने के लिए विशेष पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। साथ ही कंप्यूटर प्रशिक्षकों और तकनीकी एक्सपर्ट्स की नियुक्ति भी की जाएगी ताकि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण डिजिटल शिक्षा मिल सके।
एक डिजिटल युग की ओर बिहार
यह पहल न केवल राज्य के सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाएगी, बल्कि छात्रों को भविष्य के लिए तकनीकी रूप से सशक्त भी बनाएगी। Digital Bihar की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो राज्य के लाखों बच्चों के जीवन में बदलाव ला सकता है।