मोकामा के पूर्व बाहुबली विधायक Anant Singh, जिन्हें उनके समर्थक ‘छोटे सरकार’ के नाम से जानते हैं, बुधवार को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश हुए। यह पेशी उनके खिलाफ चल रहे कई मामलों में से एक के तहत नियमित प्रक्रिया थी। फिलहाल वे बेउर जेल में बंद हैं, और आज की सुनवाई में भी उन्हें जेल से रिहाई नहीं मिली।
क्यों हुई थी Anant Singh की गिरफ्तारी?
जनवरी 2025 में पटना के पचमहला थाना क्षेत्र में गोलीबारी के एक मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी। यह आरोप सोनू-मोनू गिरोह की ओर से लगाया गया था कि अनंत सिंह ने उनके ऊपर फायरिंग की थी। इस मामले में Anant Singh ने भी पलटवार करते हुए सोनू-मोनू के खिलाफ केस दर्ज करवाया था।
इन मामलों की सुनवाई अभी कोर्ट में चल रही है और अनंत सिंह को अब तक किसी भी केस में जमानत नहीं मिली है, इसलिए वे अभी भी जेल में हैं।
समर्थकों की भारी भीड़, सोशल मीडिया पर लिखा भावुक संदेश
आज कोर्ट में पेशी के दौरान अनंत सिंह के सैकड़ों समर्थक उनके साथ कोर्ट पहुंचे। सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा:
“मेरे साथ मेरे शुभचिंतक, जनता मालिक और समर्थकों की उपस्थिति ने मेरा मनोबल और अधिक दृढ़ किया। आप सभी के विश्वास और साथ के लिए हृदय से आभार।”
कौन हैं Anant Singh? जानिए उनका राजनीतिक सफर
बिहार के बाढ़ (पटना) के नदवां गांव से आने वाले अनंत सिंह की पहचान एक प्रभावशाली और बाहुबली नेता के तौर पर रही है। वे मोकामा से 2005 से लेकर 2020 तक पांच बार विधायक चुने गए। उन्होंने JDU, RJD और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी चुनाव जीता है।
हालांकि, 2019 में उनके घर से AK-47 बरामद होने के बाद उनकी सदस्यता चली गई थी। इस केस से उन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया है। बाद में 2022 में उनकी पत्नी Neelam Devi ने मोकामा उपचुनाव में जीत हासिल की।
Anant Singh की रॉयल लाइफस्टाइल: घोड़े और लग्जरी कारों का शौक
पूर्व विधायक अनंत सिंह की पहचान उनकी रॉयल लाइफस्टाइल के लिए भी होती है। वे अक्सर पटना की सड़कों पर बग्घी चलाते देखे गए हैं। उनके पास कई शानदार नस्ल के घोड़े हैं जो विभिन्न घुड़दौड़ प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके हैं।
हाल ही में उनके पास आई है लैंड क्रूजर ZX, जिसकी कीमत लगभग ₹3 करोड़ है। इसके अलावा उनके पास कई लग्जरी कारों का बेड़ा है। वे गाय, भैंस और अन्य मवेशियों को पालने के शौकीन भी हैं।
फिलहाल रिहाई नहीं, लेकिन सुनवाई पर टिकी हैं उम्मीदें
Anant Singh की अगली सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है, लेकिन उनके समर्थकों की उम्मीदें बनी हुई हैं कि जल्द ही उन्हें जमानत मिलेगी और वे जेल से बाहर आएंगे। बिहार की राजनीति में अब भी उनका नाम चर्चा में बना हुआ है।