Bihar Electricity Scam: “करंट” में छिपा घोटाला! करोड़ों की बिजली योजना में घटिया उपकरण, जांच में बड़ा खुलासा

बिजली देने के नाम पर जनता को लगा झटका, RDSS योजना में ट्रांसफॉर्मर और केबल निकले घटिया, अब राज्यभर में होगी जांच

Bihar Electricity Scam Transformer Cable Fraud Investigation
Bihar Electricity Scam Transformer Cable Fraud Investigation (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • RDSS योजना की जमीनी हकीकत: घटिया उपकरणों से जनता को लगा झटका
  • त्रिस्तरीय जांच में खुला राज़, भोपाल लैब से कराई गई पुष्टि
  • मोतिहारी से शुरू हुई गड़बड़ी की जांच अब पहुंचेगी पूरे बिहार

बिहार में 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली देने की महत्वाकांक्षी योजना Revamped Distribution Sector Scheme (RDSS) अब सवालों के घेरे में है। मोतिहारी अंचल में इस योजना के तहत लगाए जा रहे ट्रांसफॉर्मर और एरियल बंच केबल (Aerial Bunched Cable) जैसे उपकरणों की गुणवत्ता को लेकर गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं।

त्रिस्तरीय जांच में फेल हुए उपकरण, भोपाल से मंगवाई गई रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार, अप्रैल 2025 में त्रिस्तरीय गुणवत्ता जांच कमेटी ने मोतिहारी अंचल का निरीक्षण किया। 11 से 13 अप्रैल के बीच हुई इस जांच में भारी खामियां पाई गईं। नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के तत्कालीन एमडी Nilesh Ramchandra Devre ने इस पर संज्ञान लेते हुए सेंट्रल पावर रिसर्च इंस्टीट्यूट, भोपाल से उपकरणों की जांच का आदेश दिया।

पूरे राज्य में होगी पुनः जांच, सभी उपकरणों की होगी स्क्रूटनी

जैसे ही मोतिहारी अंचल की लापरवाही सामने आई, बिजली होल्डिंग कंपनी ने पूरे बिहार में केंद्रीय, राज्य और बाह्य वित्तपोषित योजनाओं की गहन जांच का निर्णय लिया। तत्कालीन सीएमडी Pankaj Kumar Pal के निर्देश पर मुख्य अभियंता Murtaza Helal ने साउथ और नॉर्थ बिहार डिस्ट्रिब्यूशन के एमडी को पत्र भेजा। इसमें सभी पोल, मीटर, ब्रेकर, ट्रांसफॉर्मर, इंसुलेटर और एबी केबल की गुणवत्ता की दोबारा जांच कराने को कहा गया है।

घटिया उपकरणों को हटाने का आदेश, दोषियों पर कार्रवाई तय

कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया कि जिन उपकरणों की गुणवत्ता मानक से नीचे पाई जाती है, उन्हें तुरंत हटाया जाए। अगर कोई उपकरण फेल होता है तो एजेंसी को नया और मानक के अनुसार उपकरण उपलब्ध कराना होगा। दोषी एजेंसियों को 5 वर्षों तक ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और परिवहन व स्थापना का खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा।

बिजली व्यवस्था सुधारने के नाम पर हो रहा घोटाला!

जहां एक ओर सरकार जनता को 24 घंटे बिजली देने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से जनता को करंट जैसा झटका लग रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस व्यापक जांच के बाद पूरे घोटाले की परतें खुलेंगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

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