पूर्णिया: बिहार में एक बार फिर सिस्टम की संवेदनहीनता सामने आई है। पूर्णिया जिले के जलालगढ़ थाना क्षेत्र में 24 वर्षीय युवक विकास कुमार शाह की मौत के बाद जब परिजनों ने शव को घर ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी, तो अस्पताल प्रशासन ने इसे देने से इनकार कर दिया। मजबूर होकर परिजनों ने बाइक पर शव रखकर अंतिम यात्रा निकाली।
नदी में डूबने से हुई मौत, ग्रामीणों ने बचाया
विकास कुमार शाह अपने पिता के साथ नदी पार कर मवेशियों के लिए चारा ला रहे थे। इस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह नदी में डूब गया। ग्रामीणों ने तत्परता दिखाते हुए उसे बाहर निकाला और इलाज के लिए PHC जलालगढ़ ले गए। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अस्पताल में एंबुलेंस थी, फिर भी नहीं दी गई
परिजनों का कहना है कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस मौजूद थी, लेकिन डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन ने वाहन देने से साफ इनकार कर दिया। परिजनों के सामने संकट खड़ा हो गया कि शव को कैसे घर ले जाएं।
बाइक पर शव ले जाने को हुए मजबूर
किसी भी तरह की सरकारी मदद न मिलने पर परिजनों ने बाइक से शव ले जाने का निर्णय लिया। एक युवक बाइक चला रहा था, जबकि दूसरा शव को बीच में रखकर पीछे बैठ गया। शव को चादर से ढककर घर पहुंचाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया।
जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया
पूर्णिया के सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली है। उन्होंने जांच का आश्वासन देते हुए कहा कि यह भी हो सकता है कि परिजन बिना सूचना दिए शव को अस्पताल से लेकर चले गए हों। फिर भी जांच की जाएगी और अगर अस्पताल की लापरवाही सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।