मां से आखिरी बात के कुछ घंटों बाद ही आ गई बेटे की मौत की खबर
उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह भगदड़ मचने से छह श्रद्धालुओं की जान चली गई। मृतकों में बिहार के अररिया जिले के ताराबाड़ी थाना क्षेत्र के चरारनी गांव निवासी सकलदेव बहरदार भी शामिल थे। महज 35 वर्ष की उम्र में उनकी यह आकस्मिक मौत पूरे गांव और परिजनों को तोड़ गई।
काम के सिलसिले में अंबाला गया था युवक
मृतक सकलदेव कुछ महीने पहले ही अंबाला मजदूरी करने गए थे और वहीं की एक फैक्ट्री में काम करते थे। शनिवार को उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ हरिद्वार यात्रा की योजना बनाई और मंदिर दर्शन को निकले। उसी शाम उन्होंने अपने माता-पिता से मोबाइल पर बातचीत कर उन्हें अपनी यात्रा की जानकारी दी थी। लेकिन किसी को नहीं पता था कि यही आखिरी बातचीत होगी।
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पूजा के दौरान भगदड़ में दबे, नहीं बचाई जा सकी जान
रविवार सुबह जब वे मंदिर में जल-फूल चढ़ाने के लिए प्रवेश कर रहे थे, तभी अचानक भीड़ का नियंत्रण बिगड़ गया और भगदड़ मच गई। सकलदेव इस हादसे की चपेट में आ गए और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। जैसे ही मौत की खबर गांव पहुंची, चरारनी गांव में कोहराम मच गया।
परिवार का रो-रो कर बुरा हाल, छोटे बच्चों के सिर से उठा पिता का साया
सकलदेव चार भाइयों में सबसे बड़े थे। उनकी पत्नी रामपुर फारबिसगंज में मायके में रह रही हैं। उनके तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं। भाई सुनील बहरदार ने बताया कि सकलदेव ने बताया था कि वे सुबह मंदिर में पूजा करेंगे और उसके बाद लौटेंगे, लेकिन उनका यह वादा अधूरा रह गया।
करंट से घायल हुई अनुराधा अब खतरे से बाहर
हरिद्वार हादसे की एक और घटना में सन्हौला के बनियाडीह गांव निवासी विनोद साह और उनकी पांच वर्षीय बेटी अनुराधा मंदिर दर्शन के दौरान बिजली के करंट की चपेट में आ गए। हालांकि बच्ची को समय रहते अस्पताल पहुंचाया गया और इलाज के बाद अब वह खतरे से बाहर बताई जा रही है। विनोद ने बताया कि घटना के बाद बेटी को स्लाइन दी गई और फिलहाल वह बातचीत करने लगी है, पर अस्पताल से छुट्टी नहीं मिली है।