पटना में आवारा कुत्तों का खौफ! इन इलाकों में दिखा आतंक, बच्चों को अकेले भेजने से डर

राजधानी पटना के कई इलाके बने आवारा कुत्तों के अड्डे, लोग सहमे, प्रशासन की व्यवस्था फेल

Stray Dogs Patna Dangerous Areas
Stray Dogs Patna Dangerous Areas (PC: BBN24/Social Media)

पटना: सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद सड़कों पर घूमने वाले आवारा कुत्तों को लेकर बहस तेज हो गई है. राजधानी पटना में ऐसे कई इलाके हैं, जहां इन कुत्तों का आतंक लोगों को रोजाना परेशान कर रहा है. स्थिति यह है कि लोग अपने बच्चों को अकेले बाहर भेजने से डरने लगे हैं.

हर दिन बढ़ रहे डॉग-बाइट केस

शहर की सड़कों पर पैदल चलने या दोपहिया वाहन से निकलने वालों के लिए आवारा कुत्ते बड़ा खतरा बन चुके हैं. अस्पतालों में हर दिन कुत्तों के काटने के मामले पहुंच रहे हैं, खासकर शाम और रात के समय. तीन साल पुराने सर्वे के अनुसार, पटना नगर क्षेत्र में 2 लाख से अधिक आवारा कुत्ते मौजूद हैं. बावजूद इसके, न तो नसबंदी और न ही टीकाकरण की ठोस व्यवस्था नगर निगम की ओर से हो पाई है.

बंद पड़ा नसबंदी और टीकाकरण अस्पताल

नगर निगम ने 2023 में रामाचक बैरिया में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए अस्पताल शुरू करने की योजना बनाई थी. शुरुआती दौर में काम शुरू भी हुआ लेकिन एजेंसी बदलने के बाद यह योजना ठप हो गई. फिलहाल पटना में आवारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए कोई प्रभावी सिस्टम नहीं है.

ये इलाके बने डेंजर ज़ोन

जहां खुले में मीट और मछली की दुकानें हैं, वहां कुत्तों का जमावड़ा ज्यादा देखा जा रहा है. इनमें आर. ब्लॉक से जीपीओ गोलंबर, पटना जंक्शन गोलंबर, बुद्धा स्मृति पार्किंग, पाटलिपुत्र कॉलोनी, चितकोहरा पुल, मीठापुर, फुलवारी शरीफ टमटम पड़ाव, लोहानीपुर, कदमकुआं, बोरिंग रोड, कंकड़बाग सब्जी मंडी और बुद्धा कॉलोनी जैसे इलाके शामिल हैं.

पटना सिटी भी नहीं है सुरक्षित

पटना सिटी के नवाब बहादुर रोड, गुलजारबाग मोड़, त्रिपोलिया, सुल्तानगंज और गुजरी बाजार में भी आवारा कुत्तों का खौफ साफ नजर आता है. वहीं मंगलतालाब, कैमाशिकोह और चौकशिकारपुर सब्जी मंडी जैसे इलाके भी हॉट स्पॉट बने हुए हैं.

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