मधेपुरा: बिहार के मधेपुरा जिले में स्थित जननायक कर्पूरी ठाकुर (JNKT) मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है, लेकिन इस बार कारण बेहद गंभीर है। शुक्रवार की रात अस्पताल में 12 वर्षीय कपिल कुमार, अपनी बीमार मां से मिलने आया था, लेकिन वह करीब एक घंटे तक लिफ्ट में फंसा रह गया।
कैसे फंसा मासूम कपिल लिफ्ट में?
जानकारी के अनुसार, सिंघेश्वर थाना क्षेत्र के बेचन मुखिया का बेटा कपिल कुमार शुक्रवार रात अस्पताल की ग्राउंड फ्लोर से पांचवीं मंजिल पर जा रहा था। जैसे ही उसने लिफ्ट का उपयोग किया, वह अचानक बीच में ही रुक गई। लिफ्ट में फंसते ही कपिल ने दरवाज़ा पीटना और शोर मचाना शुरू कर दिया।
पास से गुजर रहे एक व्यक्ति ने आवाज सुनकर तुरंत गार्ड को सूचना दी। लगभग 60 मिनट की मशक्कत के बाद अस्पताल स्टाफ ने लिफ्ट को खोलकर कपिल को बाहर निकाला। बाहर आते ही वह बेहद घबराया हुआ था।
“बहुत डर लग रहा था, अंदर अंधेरा और गर्मी थी” – कपिल कुमार
कपिल ने बताया कि उसकी मां पांचवीं बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर में भर्ती हैं और वह उनसे मिलने आया था। लिफ्ट में चढ़ने के कुछ ही सेकंड बाद बिजली चली गई और अंधेरा छा गया। कपिल के मुताबिक, “लिफ्ट बहुत गर्म थी और मुझे बहुत डर लग रहा था। मैं रोने लगा।”
बच्चे को लिफ्ट से सुरक्षित बाहर निकालने के बाद उसके परिजनों और अस्पताल में मौजूद लोगों ने प्रबंधन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया।
अस्पताल में विरोध और हंगामा, सुरक्षा गार्डों ने किया कंट्रोल
लिफ्ट से निकलने के बाद अस्पताल परिसर में गंभीर हंगामा हुआ। लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल की अधिकतर लिफ्टें लंबे समय से खराब हैं और प्रबंधन की ओर से कोई नियमित मेंटेनेंस नहीं किया जा रहा।
स्थिति तनावपूर्ण होने लगी, लेकिन मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों और स्टाफ ने लोगों को समझा-बुझाकर मामला शांत किया।
प्रशासन पर उठे सवाल, जनता कर रही जवाब की मांग
यह घटना ना सिर्फ एक मासूम की जान पर भारी पड़ सकती थी, बल्कि अस्पताल प्रशासन की गंभीर असंवेदनशीलता को भी उजागर करती है। एक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहां सैकड़ों मरीज रोज़ाना आते हैं, वहां लिफ्ट जैसी आवश्यक सुविधा की खस्ता हालत एक बड़ा सवाल है।
स्थानीय नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने मांग की है कि यदि लिफ्ट और अन्य जरूरी सुविधाओं की मरम्मत जल्द नहीं की गई, तो जन आंदोलन शुरू किया जाएगा।