पत्नी और भाभी पर FIR, लेकिन Patna High Court से मिली बड़ी राहत! Pashupati Paras को लेकर हुआ बड़ा फैसला

RLJP प्रमुख Pashupati Nath Paras की पत्नी Sunaina Devi और भाभी को Patna High Court से राहत, FIR पर लगी रोक, Chirag Paswan की मां को नोटिस

Pashupati Paras Wife Patna High Court Relief Notice To Chirag Paswan Mother
Pashupati Paras Wife Patna High Court Relief Notice To Chirag Paswan Mother (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • Pashupati Paras की पत्नी को FIR में राहत, Patna High Court ने दी रोक
  • Chirag Paswan की मां Rajkumari Devi को कोर्ट ने भेजा नोटिस
  • तलाक के बाद भी संपत्ति अधिकार को लेकर उठे सवाल

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और RLJP (Rashtriya Lok Janshakti Party) प्रमुख Pashupati Nath Paras की पत्नी Sunaina Devi और उनके छोटे भाई Ram Chandra Paswan की पत्नी Shobha Devi को मंगलवार को Patna High Court से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने दोनों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की कार्रवाई पर फिलहाल रोक लगा दी है और साथ ही FIR दर्ज कराने वाली पूर्व मंत्री Ram Vilas Paswan की तलाकशुदा पत्नी Rajkumari Devi को नोटिस जारी किया है।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, Rajkumari Devi, जिन्होंने 1981 में ही Ram Vilas Paswan से कानूनी तौर पर तलाक ले लिया था, ने Alauli थाना (जिला खगड़िया) में एक FIR दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया था कि Sunaina Devi और Shobha Devi ने उन्हें पारिवारिक घर से जबरन बाहर निकाल दिया और उनके कमरे का सामान बाहर फेंक दिया। इतना ही नहीं, उनके बेडरूम और बाथरूम को भी लॉक कर दिया गया।

कोर्ट में क्या हुआ?

न्यायमूर्ति Sandeep Kumar की एकलपीठ ने सुनवाई करते हुए प्राथमिकी की कार्रवाई पर रोक लगा दी। Sunaina Devi और Shobha Devi की ओर से अधिवक्ता Rajkumar ने कोर्ट को बताया कि Rajkumari Devi को परिवारिक संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने 1981 में ही तलाक ले लिया था।

साथ ही यह भी दलील दी गई कि शिकायतकर्ता पढ़ी-लिखी नहीं हैं और वह केवल अंगूठा लगाती हैं, लेकिन प्राथमिकी में उनका हस्ताक्षर मिला है – जो संदेह उत्पन्न करता है।

संपत्ति विवाद की भी बन रही है बड़ी वजह

RLJP में पहले ही Chirag Paswan और Pashupati Nath Paras के बीच राजनीतिक मतभेद चल रहे हैं, और अब परिवारिक संपत्ति का मुद्दा सामने आ गया है। ऐसे में यह मामला अब सिर्फ कानूनी नहीं, बल्कि राजनीतिक तौर पर भी अहम माना जा रहा है।

Share This Article
Exit mobile version